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एक करोड़पति बिजनेसमैन का बेटा मजदूरी करने को मजबूर !

करोड़पति पिता का मजदूर बेटा

करोड़पति पिता का मजदूर बेटा – अगर एक करोड़पति कारोबारी के बेटे को एक मामूली सी नौकरी करनी पड़े तो आप क्या कहेंगे.

जाहिर  है ऐसे में आपके मन में कई सवाल उठेंगे.

जैसे शायद पिता ने बेटे को अपनी जायदाद से बेदखल कर दिया होगा, या फिर बेटे या पिता में किसी बात को लेकर अनबन हो गई होगी और बेटे ने घर छोड़ दिया होगा.

आपके मन में चाहे कोई भी सवाल क्यों न उठे लेकिन हम आपको बता दें कि ये एक सच्ची घटना है.

करोड़पति पिता का मजदूर बेटा, जहां एक करोड़पति कारोबारी का बेटा मामूली सी नौकरी करने पर मजबूर हो गया.

आखिर एक करोड़पति पिता ने अपने लाड़ले बेटे के साथ ऐसा क्यों किया.

आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे की सारी हकीकत.

करोड़पति पिता का मजदूर बेटा

ये वाकया है गुजरात के सूरत का, जहां सावजी ढोलकिया नाम के एक डायमंड व्यापारी ने अपने बेटे को मजदूरी करने पर मजबूर कर दिया.

बताया जाता है कि सावजी ढोलकिया हरे कृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट्स नाम की कंपनी के मालिक हैं. उनके 6000 करोड़ का यह साम्राज्य 71 देशों तक फैला हुआ है.

सावजी ने भले ही अपने बेटे को मजदूरी के लिए मजबूर किया हो लेकिन दिवाली बोनस के तौर पर उन्होंने अपने कर्मचारियों को फ्लैट्स औऱ कार देकर अपनी दरियादिली भी दिखा चुके हैं.

इस वजह से बेटे से करवाई मजदूरी

बताया जाता है कि अमेरिका में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे सावजी के बेटे द्रव्य ढोलकिया कुछ समय पहले छुट्टियां बिताने के लिए भारत आए.

लेकिन इन छुट्टियों में मौज मस्ती करने के बजाय सावजी चाहते थे कि उनका बेटा पैसे और काम की अहमियत को अच्छे से समझ ले.

इसके लिए बेटे पर सावजी ने पिता के तौर पर खुद की पहचान को गुप्त रखकर एक छोटी सी नौकरी करने के लिए कहा. इसके साथ मोबाइल इस्तेमाल न करने की हिदायत दी.

सारे ऐशो आराम छोड़कर और पिता से महज 7 हजार रुपये लेकर पिता की कसौटी पर खरा उतरने के लिए द्रव्य कोच्चि पहुंचे.

पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश

कोच्चि में द्रव्य के लिए हालात बेहद मुश्किल थे क्योंकि यहां पहुंचने के बाद शुरूआत के 5 दिन तक उसके पास न तो कोई काम था और ना ही रहने का कोई ठिकाना.

द्रव्य के मुताबिक वो 60 जगहों पर नौकरी मांगने के लिए गया लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली.

उसके बाद उसे एक बेकरी में नौकरी मिली. फिर उसने कॉल सेंटर, जूते की दूकान और मैकडॉनल्ड्स में भी काम किया. पूरे एक महीने तक अलग-अलग जगहों पर काम करने के बाद द्रव्य ने 4 हजार रुपये कमाए.

इस तरह से करोड़पति पिता का मजदूर बेटा मजदूरी करने पर मजबूर हुआ – गौरतलब है कि एक ओर जहां पिता ने अपने बेटे को पैसों और नौकरी की अहमियत को समझाने के लिए छोटी सी नौकरी करने की सलाह दी. तो वहीं बेटे ने भी अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की.