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ये हालात बता रहे हैं कि बहुत जल्द सेना सत्ता पर कब्जा करने वाली है !

सेना का सत्ता पर कब्जा

पाकिस्तान में सेना और सरकार के संबंध जिस प्रकार दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं.

अगर ये सब ऐसे ही चलता रहा तो राहिल शरीफ बहुत जल्द नवाज शरीफ का तख्ता पलटने वाले हैं, सेना का सत्ता पर कब्जा हो सकता है.

नवाज शरीफ और उनकी पार्टी का मानना है कि जिस प्रकार भारतीय सेना ने पाकिस्तान में अंदर घुसकर कारवाई की उसके लिए सेना प्रमुख राहिल शरीफ जिम्मेंदार हैं. पाक सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेंदारी सेना प्रमुख की है. भारत के हमले से उनके दावों की हवा निकल गई.

वहीं सेना प्रमुख का मानना है कि आज दुनिया में जिस प्रकार पाकिस्तान अलग थलग पड़ गया है, उसके लिए नवाज जिम्मेंदार हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय जासूस कुलभूषण यादव की गिरफ्तारी का जिक्र न करने पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के हितों से समझौता किया है. नवाज मोदी से दोस्ती की कूटनीति में फंस गए.

हाल में पाकिस्तान ने भारत की सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर नेशनल असेंबली का संयुक्त सत्र बुलाया था. जिसमें प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के सांसदों ने आतंकवाद को लेकर सेना और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई पर जमकर निशाना साधा.

इसके बाद पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इशारों ही इशारों में सेना प्रमुख राहील शरीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि सेना आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे. इस बयान के जरिए नवाज ने पाकिस्तान की आवाम और दुनिया में यह संदेश देने का प्रयास किया कि वर्तमान से भारत के साथ जो तनाव है उसके पीछे सेना और आईएसआई है.

यह बयान एक प्रकार से सेना प्रमुख पर परोक्ष रूप से हमला था.

नवाज के बयान के कुछ देर बाद ही सेना प्रमुख राहिल शरीफ का भी बयान आ गया. राहिल ने कहा कि दुनिया भारत के झूठ को बेनकाब करे. पाक सेना प्रमुख ने यहां बड़ी ही चतुराई से दुनिया शब्द का प्रयोग किया. जबकि सब जानते हैं कि यह काम दुनिया का नहीं बल्कि पाकिस्तानी सरकार का है.

अपने बयान के जरिए राहिल शरीफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. जिस प्रकार मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ पूरी दुनिया में माहौल बना रही है वैसा करने में नवाज शरीफ विफल रहे हैं.

गौरतलब है कि नवंबर में पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. राहिल चाहते हैं कि उनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाए. लेकिन नवाज शरीफ नहीं चाहते कि राहील शरीफ को एक्सटेंशन दिया जाए.

जिस प्रकार नवाज अपने पार्टी सांसदों के जरिए सेना प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खुलवा रहे हैं उसके बाद संभावना जताई जा रही है कि सेना और पाक खुफिया एजेंसी मिलकर नवाज को चलता कर सकते हैं और सेना का सत्ता पर कब्जा कर सकती है. इसमें इनको अधिक समस्या भी नहीं आएगी. क्योंकि एक तो नवाज शरीफ पाक जनता का विश्वास खो चुके हैं दूसरे सारा विपक्ष नवाज के विरूद्ध एक जुट है.

सेना का सत्ता पर कब्जा करने के बाद सैनिक शासन लागू करने के लिए पाकिस्तान में ऐसी स्थिति पाक सेना को बहुत सूट करती है. यही कारण है कि सेना इस स्थिति का लाभ उठाकर विपक्ष को आगे कर नवाज को गद्दी से उतारने की योजना बना रही है.