मज़ेदार

लड़कियों को घूरने में पुरुष बिता देते हैं जीवन का एक साल !

लड़कियों को घुरना – इस दुनिया की सभी लड़कियों की एक शिकायत है कि हर वक्‍त वो जहां भी जाती हैं पुरुषों की निगाहें उन्‍हें घूरती रहती हैं। उन्‍हें मुड़-मुड़कर देखने वाली नज़रें कभी हार नहीं मानती हैं।

आपको भी लगता होगा कि पुरुषों को लड़कियों को घूरने के अलावा और कोई काम ही नहीं है। शायद आपको ठीक लगता है क्‍योंकि पुरुष अपनी जिंदगी का काफी हिस्‍सा लड़कियों को देखने में ही बिता देते हैं। इस मुद्दे पर एक रिसर्च हुई है जिसके परिणाम कुछ इस प्रकार हैं।

वैज्ञानिकों ने इन सवालों के जवाब तलाश लिए हैं कि एक इंसान किसी लड़की को घूरने में आंखें फाड़कर देखने में कितना वक्‍त कुर्बान करता है। एक ब्रिटिश रिसर्च के नतीजे इस मामले में चौंकाने वाले हैं।

लड़कियों को घुरना –

घूरने में कुर्बान होता है इतना समय

साल 2009 में 18 से 50 साल की उम्र के 3000 लोगों की राय को आधार बनाकर जो अनुसंधान किए उसके मुताबिक पुरुष अपनी जिंदगी का पूरा एक साल लड़कियों को घूरने में लगा देते हैं। दिनभर में एक इंसान औसतन एक नहीं बल्कि अलग-अलग 10 लड़कियों को घूर लेता है। रोज़ पुरुष दो-चार मिनट नहीं बल्कि औसतन पूरा 43 मिनट लड़कियों या महिलाओं को मुड़-मुड़कर घूरने पर या आंखे फाडकर निहारने पर खर्च करता है।

लड़कियों को घुरना – बुरी लग चुकी है आदत

आपको लगता होगा कि लड़कियों को घुरना पुरुषों की विकृति है या मानसिक रूप से विकृत लोग ऐसा करते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल नहीं है। लड़कियों को चौक-चौराहे, बाजार, पार्क या ऑफिस में आंखें फाड़कर घूरते हैं तो आपको सोच बदलने की जरूरत है।

रिसर्च की मानें तो यही साबित होता है कि हर इंसान में विपरीत सेक्‍स को घूरने की फितरत होती है। इंसान चाहकर भी घूरने की आदत को छोड़ नहीं पाता है।

लड़कियां भी नहीं हैं पीछे

अगर आपको लगता है कि लड़कियों को घुरना सिर्फ लड़कों की आदत होती है, लड़कियों को नहीं तो आप गलत हैं। इस मामले में लड़कियां लड़कों के बराबर ही हैं। लड़कों की तरह लड़कियों को भी लड़कों को घूरना अच्‍छा लगता है।

लड़कियां भी लड़कों को घूरने में, आंखों से आंख मिलाने में, नज़रों से ओझल होने तक आंखों में आंख डालकर रखने में पीछे नहीं हैं। अकेली होने पर लड़कियां बेशक चोरी-छुपे लड़कों को घूरने का या नज़रों में नज़रें गड़ाने का खेल कम खेले, मगर हम उम्र साथियों की मौजूदगी में लड़कियां भी उतनी ही ढीठपन से नज़रों का खेल खेलती हैं जितनी की लड़की।

लड़कियां बिता देती हैं इतना समय

रिसर्च की मानें तो लड़कियां लड़कों को घूरने में विपरीत सेक्‍स को घूरने की आदत पर आंखे खोलने वाले नतीजे सामने आए हैं। लड़कों या पुरुषों की तुलना में लड़कियों या महिलाओं में घूरने की फितरत थोड़ी कम होती है।

ये है लड़कियों को घुरना – अब अगर आपको लगता था कि सिर्फ पुरुष ही महिलाओं को घूरते हैं तो अब समझ जाइए कि आप गलत हैं क्‍योंकि इस काम में लड़कियां भी किसी से पीछे नहीं हैं। वो भी लड़कों को खूब ताड़ती हैं और शायद इसमें उन्‍हें खूब मजा भी आता होगा तभी तो वो इस काम में लड़कों के बराबर तक ही हैं।

Parul Rohtagi

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