लड़कों और लड़कियों में ये जंग बहुत पुरानी है कि कौन किस से बेहतर है?
दोनों ही पक्ष अपने आप को तुर्रम खां समझते हैं! लेकिन आज फैसला हो ही जाएगा!
आईये बताऊँ कि क्यों लड़के लड़कियों से बेहतर हैं और फिर लड़कियों को भी मानना पड़ेगा!
1) प्यार और सेक्स अलग-अलग है
लड़कों के अनुसार, मोहब्बत अपनी जगह है, सेक्स अपनी जगह है! आज रात को सेक्स हुआ और अगले दिन लड़की का फ़ोन नहीं आया तो आंसू बहाते नहीं बैठते लड़के, बल्कि मान लेते हैं कि लड़की को शायद कुछ और पसंद होगा! बस, आगे बढ़ जाते हैं फिर ज़िन्दगी में!
2) आदमी ज़्यादा शक्तिशाली होते हैं
जहाँ तक शारीरिक शक्ति की बात है, लड़के ही ज़्यादा शक्तिशाली होते हैं और ये बात तो लड़कियाँ भी मानती हैं! विश्वास नहीं तो देख लीजिये कि कौन अपने हाथों में कितना भार उठा सकता है!
3) औज़ारों की समझ
लड़कों को औज़ारों की समझ ज़्यादा होती है और इसीलिए वो मैकेनिक, इंजीनियर वगैरह जैसे करियर में ज़्यादा पाये जाते हैं! लड़कियों की कार चलाने की क्षमताओं पर कटाक्ष करूँ या रहने दूँ?
4) हल चाहिए
कोई समस्या आ गयी तो लड़कियाँ आँसू बहाएँगी, चिंता करेंगी, दोस्तों के साथ हफ़्तों तक समस्या के बारे में बातें करेंगी, लेकिन लड़के फटाक से उसका हल खोजने में लग जाएँगे! भावनाएँ जैसी भी हों, मुसीबत है तो उसका हल निकालना ज़रूरी है, रोना-धोना अपनी जगह है!
5) उलझन मुक्त रिश्ते
जी हाँ, लड़कों के सभी रिश्ते, चाहे वो घर वालों के साथ हों, गर्लफ्रेंड के साथ, दोस्तों के साथ या काम की जगह पर, उलझन मुक्त ही होते हैं! कॉम्प्लिकेशन से दूर भागते हैं लड़के! सीधी-सादी ज़िन्दगी जीते हैं!
6) लड़कियों की सुंदरता के दीवाने
लड़कों को ज़्यादा कुछ नहीं चाहिए, सुन्दर लड़की देखी और हो गए दीवाने! उतना ही काफ़ी होता है उन्हें रिझाने के लिए, डेट पर ले जाने के लिए! बाकी बातें फिर उसके बाद हो जाएँगी, है ना?
7) इलेक्ट्रॉनिक्स
कितनी लड़कियों को जानते हैं आप जो इलेक्ट्रॉनिक्स को बाएँ हाथ का खेल समझती हैं? और अब कितने लड़कों को जानते हैं? मिल गया जवाब या और कुछ कहूँ?
8) तैयार होने का समय
पार्टी में जाना हो या काम पर, चुटकी बजाते ही लड़के तैयार हो जाते हैं यानी वक़्त की कम से कम बर्बादी! इसी में तो समझदारी भी है, क्यों?
9) बच्चे पैदा करना
अब इस में लड़कियों की ग़लती नहीं है कि उन्हें बच्चे पैदा करने में 9 महीने लगते हैं और हज़ार दिक्कतों से गुज़रना पड़ता है! लेकिन लड़कों की बात की जाए तो सिर्फ़ 3 मिनट ही चाहिएँ उन्हें!
10) सामाजिक गिरगिट
लड़के जैसे हैं, वैसे ही हैं और वैसे ही रहते हैं! चाहे पार्टी में हो, किसी के भी साथ हों, अपनी बात पर टिके रहते हैं और किसके साथ हैं ये सोचकर अपने विचार नहीं बदलते! अब लड़कियाँ इसकी बिलकुल विपरीत होती हैं!
क्यों, मान गए ना कि लड़के वाक़ई बेहतर हैं लड़कियों से या और कोई सबूत पेश किये जाएँ?
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