मेरठ की पुलिस – मेरठ का नाम जेहन में आते ही सबसे पहले लोगों के मन 1857 के गदर की याद आती है.
सन 57 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ यहीं से क्रांति का बिगुल फूंका गया था. उस समय अंग्रेज पुलिस अफसर क्रांतिकारियों के डर से मेरठ में घुसने से भी डरते थे
लेकिन आज उसी मेरठ में कई ऐसे थाना क्षेत्र है जहां मेरठ की पुलिस अपराधियों के डर से रात को छोड़ों दिन के उजाले में भी जाने से डरती है. यही कारण है कि इन इलाकों में कानून का राज नहीं बल्कि जरायम का राज चलता है.
ये इलाके हैं मेरठ शहर की कोतवाली क्षेत्र का पुराना इलाका तथा इस्लामाबाद मौहल्ला के अलावा किठौर का राधना गांव कहते हैं कि यदि इस क्षेत्र का कोई अपराधी अपराध करने के बाद इन इलाकों में छिप जाए तो मेरठ की पुलिस की हिम्मत नहीं की वो यहां तलाशी अभियान चला उन अपराधियों का पकड़ सके.
आपको बता दें कि ये सभी इलाके मुस्लिम बहुल हैं. जब भी मेरठ की पुलिस इन इलाकों में अपराधियों को पकड़ने के लिए जाती है, तो उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ता है.
इसकी बड़ी वजह है कि यहां लेागों के पास बड़ी संख्या में अवैध हथियार हैं. जब भी पुलिस पहुंचती है तो स्थानीय नेता लोग धर्म के नाम पर लोगों को भड़काकर सांप्रदायिक माहौल खराब कर देते हैं.
दूसरे यदि कोई पुलिस वाला कार्रवाई करने की हिम्मत भी करता है तो कानून व्यवस्था और कथित सांप्रदायिक सौहार्द के नाम पर उसका तबादला कर दिया जाता है. ऐसे में थाने की पुलिस चाहकर भी इन क्षेत्रों में नहीं घुस पाती है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि मेरठ जिले के किठौर थाना क्षेत्र का एक गांव है राधना.
मुस्लिम बहुल इस गांव के बारे में इलाके का बच्चा बच्चा जानता है कि यहां करीब हर घर में चोरी का कोई न कोई न समान है. यहां चोरी कर लाए गए ट्रैक्टर बड़ी संख्या में घर घर मौजूद है लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर पाती.
आस पास के गांव के लोग बताते हैं कि पूर्व में जब भी पुलिस ने अपराधियों की तलाश में इस गांव में घुसने की कोशिश की है तो पुलिस से ज्यादा फायर गांव वालों की ओर से हुए है.
यही कारण है कि अपने अफसरों और राजनीति दवाब के कारण थाना पुलिस ने इन इलाकों में जाकर अपराधियों की धरपकड़ करना छोड़ दिया है. इससे जहां अपराधियों को हौंसले बुलंद हुए हैं वहीं पुलिस का मनोबल गिरा है. वोटबैंक की राजनीति ने पुलिस को नकारा बना दिया है.
लेकिन अब यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद लोगों को उम्मीद है कि इस व्यवस्था में बदलाव आएगा मेरठ की पुलिस उन इलाकों में बेरोक टोक जा सकेगी.