मुंबई… सपनों का एक ऐसा शहर है, जो दिन में भागता है और रात में जागता है.
लोगों की घनी आबादी के इसी शहर में एक ऐसी जगह भी है, जहां लगता है भूतों का मेला और जैसे ही इस मेले में नगाड़े बजने लगते हैं वैसे ही लगने लगती है भूतों की हाज़िरी.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये भूतों का मेला कहां लगता है?
और कौन लेता है इनकी हाज़िरी?
तो हम आपको बताते हैं मुंबई की इस खास जगह के बारे में.
मीरा दातार दरगाह
मुंबई का ‘रे रोड़’ ही वो खास इलाका है, जहां इंसानों के साथ लगता है भूतों का मेला.
दरअसल इस इलाके में मौजूद हज़रत पीर सैय्यद अली मीरा-दातार दरगाह पर भारी संख्या में लोग आते हैं. मीरा दातार के इस अनोखे दरबार में हफ्ते के हर गुरुवार को लगती है इंसानों को सताने वाले भूतों की हाज़िरी.
भूतों से पीड़ित लोग आते हैं दरबार में
मीरा दातार के दरगार का दरबार गुरुवार के दिन उन लोगों के लिए खुला रहता है, जो लोग भूत-प्रेत जैसी बाधा से पीड़ित होते हैं. कहा जाता है कि यहां आने से लोगों को भूत-प्रेत जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. यही वजह है कि यहां हजारों की तादात में लोग अपनी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए आते हैं.
नगाड़ा बजते ही नाचते हैं भूत
शाम के वक्त बाबा के दरबार में नगाड़ा बजता है. नगाड़े की धुन के आगे भूत-प्रेत इस कदर बेबस हो जाते हैं कि वो नाचने लगते हैं. यहां तक कि महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को सताने वाले भूत भी डरकर दरबार में अपनी हाज़िरी देने लगते हैं. ये सिलसिल तब तक चलता है जब तक नगाड़ों की गूंज दरबार में सुनाई देती है.
चमत्कार या अंधविश्वास !
मीरा दातार में क्या वाकई चमत्कार होता है या फिर महज़ ये लोगों का अंधविश्वास है.
यहां आनेवाले लोगों की माने तो दरबार में हाज़िरी लगाने से उन्हे उनकी समस्याओं से राहत मिली है.
अब आप चाहे इसे बाबा का चमत्कार समझे या लोगों का अंधविश्वास, हकीकत तो यह है कि यहां आनेवाले फरियादियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
इस दरगाह पर भूतों की हाज़िरी विज्ञान की परिभाषा से परे ये लोगों की आस्था ही है कि लोग अपनी भूत-प्रेत जैसी तमाम परेशानियों को लेकर बाबा के दरबार में फरियाद करने आते हैं और बाबा भी अपने दरबार में आनेवाले फरियादियों की सारी परेशानियों को पल पर में दूर कर देते हैं.