इन्हें ओमकारनाथ कहे या फ़रिश्ता समझ नहीं आता….
चलिए इनके बारे में कुछ बताते है फिर आप ही सुझाव दें की इन्हें किस नाम से पुकारा जाना चाहिए.
आज के ज़माने में जहाँ कोई किसी को नहीं पूछता और सब अपने स्वार्थ में लगे रहते है वहीँ कुछ लोग ऐसे भी है जिनकी बदौलत लगता है कि इंसानियत जिंदा है. यहाँ बात असली इंसानों की हो रही है फेसबुक पर इंसानियत का ज्ञान बांटने वालों की नहीं.
जो असल जिंदगी में तो किस का भला करना तो दूर किसी का फायदा उठाने से नहीं चुकते और फेसबुक पर इंसानियत का पाठ पढ़ते मिल जाते है.