मैकडॉनल्ड्स का बर्गर किसने नहीं खाया होगा।
यकीन मानिए कई लोग तो इस समय भी खा रहे होंगे लेकिन अगर आप नॉर्थ इंडिया में रहते हैं तो आपने नोटिस किया होगा कि आपके आसपास के सभी मैकडॉनल्ड्स बंद हो चुके हैं।
क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं?
अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं, आज हम आपको इसके पीछे छुपे राज़ के बारे में बताते हैं।
दरअसल, ऐसा इसिलिए हो रहा है क्योंकि मैकडॉनल्ड्स इंडिया ने कनॉट प्लाजा रेस्ट्रॉन्ट लिमेटिड (सीपीआरएल) की ओर से चलाए जा रहे अपने 169 रेस्ट्रॉन्ट के साथ करार खत्म कर लिया है. इसी वजह से अब आपको मैक्डी का बर्गर खाने को नही मिल पा रहा है।
क्यों लग रहा है मैक्डी पर ताला
सीपीआरएल और मैकडॉनल्ड्स के बीच 2013 से ही कंपनी के मैनेजमेंट को लेकर विवाद चले आ रहे थे। सीपीआरएल कम्पनी के विक्रम बख्शी और मैक्डॉनल्ड्स इंडिया 50-50 के भागीदार थे। लेकिन अगस्त 2013 को बख्शी को सीपीआरएल से निकाल दिया गया जिसके बाद उन्होंने कम्पनी के खिलाफ लॉ बोर्ड में अपील की थी।
नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल ने बख्शी को कम्पनी का एमडी पद वापस देने का आदेश जारी किया और यहीं से इन दोनों कम्पनियों के बीच विवाद और भी ज्यादा बढ़ गए। इसी बीच मैकडॉनल्ड्स ने अपना बयान जारी करते हुआ कहा कि सीपीआरएल ने फ्रेंचाइजी एंग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन किया है और जरूरी शर्तों को कम्पनी पूरा करने में नाकाम रही है।
पड़ रहा है बुरा असर
मैकडॉनल्ड्स के बंद होने से करीबन 10 हजार लोगों के बेरोजगार होने की सम्भावना है। डॉमिनोज़ पिज्जा की वजह से मैकडॉनल्ड्स को पहले से ही काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। अब ताला लगने के कारण कम्पनी अपने नए पार्टनर तलाश रही है।
मार्केट में दोबारा कदम जमाने में मैकडॉनल्ड्स को काफी समय लग सकता है जिसका सीधा फायदा दूसरी ग्लोबल चेन जैसे बर्गर किंग, ला अमेरीकेनो, वेन्डी इत्यादि को पहुंच रहा है।