भारत

मायावती-अखिलेश के गठबंधन को मात देने के लिए बीजेपी कर रही ये काम

अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं और इस चुनाव में उत्तर प्रदेश बहुत ही अहम राज्य है, इसलिए बीजेपी यहां हर हाल में जीत दर्ज करना चाहती है, लेकिन बीजेपी का रास्ता रोकने के लिए बुआ मायावती-अखिलेश से हाथ मिला लिया है और यूपी में महागठबंधन की तैयारी में है, मगर बीजेपी भी आसानी से हार नहीं मानने वाली.

आगामी चुनाव में मायावती-अखिलेश को मात देने के लिए उसने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

  1. ताबड़तोड़ रैलियों की तैयारी

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की एक बड़ी वजह मोदी की धुंआधार रैलियां थी. अगले साल भी वो कुछ ऐसा ह करने की तैयारी में है. यूपी जीतने के लिए मोदी खुद ढेर सारी रैलियां करने वाले हैं. इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी है. पिछले एक महीने के अंदर सूबे में पांच रैलियों को पीएम संबोधित कर चुके हैं और आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा.

  1. ताकतवर मंत्रियों को उतारेंगे मैदान में

मायावती-अखिलेश गठबंधन को मात देने के लिए बीजेपी यूपी सरकार के अपने कई ताकतवर मंत्रियों को चुनाव लड़ा सकती है. इसके लिए बीजेपी राज्य के अपने सबसे प्रभावशाली मंत्रियों की लिस्ट बना रही है, जिनकी चुनाव क्षेत्र में अच्छी पकड़ है. कमजोर मत्रियों को मैदान में उतारकर वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहती.

  1. नए चेहरों को मौका

बीजेपी पार्टी हाई कमान ने साफ कह दिया है कि पिछले बार जीते 71 उम्मीदवारों में से 50 फीसदी को इस बार मौका नहीं दिया जाएगा, उनकी जगह नए चेहरे मैदान में उतारे जाएंगे. साथ ही पार्टी इस बात पर भी फोकस कर रही है कि उम्मीदवार मजबूत हों और उनकी जीत पक्की हो. मतलब ये कि बीजेपी नए चेहरा तो चाहती है, लेकिन वो भी ताकतवर ताकि उसकी जीत पक्की रहे.

  1. गैर यादव और ओबीसी वोटों पर नजर

मायावती-अखिलेश के साथ आने से साफ है कि दलित और यादवों के वोट बीजेपी को नहीं मिलने वाले. ऐसे में बीजेपी अपना पक्ष मजबूत करने के लिए गैर यादव ओबीसी मतों को अपनी ओर करने की कोशिश में जुट गई है. खासकर कुर्मी मतों को लेकर बीजेपी ने खास प्लान बनाया है. इसी के चलते मोदी की यूपी में अभी तक जो रैलियां हुई हैं उनमें मिर्जापुर और शाहजहांपुर दोनों कुर्मी बहुल क्षेत्र है. बीजेपी सूत्रों की माने तो प्रदेश में पार्टी की कमान कुर्मी समाज के नेता को सौंपी जा सकती है. इसके अलावा प्रजापति, मौर्य, लोध, पाल सहित गैर यादव ओबीसी पर बीजेपी की नज़र रहेगी.

कुल मिलाकर साफ है कि उत्तरप्रदेश में बीजेपी की जीत की राह आसान नहीं है, क्योंकि वहां जाति के आधार पर वोट दिए जाते हैं, ऐसे में यादव और दलित वोट बंटने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बीजेपी को जीत के लिए पिछले चुनाव से बहुत ज़्यादा मेहनत करनी होगी.

Kanchan Singh

Share
Published by
Kanchan Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago