माटुंगा रेलवे स्टेशन – भारत देश की सशक्त और सर्वश्रेष्ठ महिलाएं अपनी योग्यता और कार्यप्रणाली के बल पर न सिर्फ देशभर में बल्कि दुनिया भर में अपना नाम रोशन करती रही है.
पिछले साल महिलाओं के पक्ष में कई कानूनों में संशोधन भी किया गया, साथ ही रेलवे और सेना से लेकर कई अन्य विभागों में भी महिलाओं का योगदान काफी सराहनीय रहा.
नेवी में महिला ऑफिसर सागर परिक्रमा कर दुनिया को नापने की राह पर है, तो वहीं दूसरी तरफ एयर फोर्स में भी पहली महिला फाइटर पायलट ने अपनी योग्यता दर्ज करा दी है. यहां आज हम जिन महिलाओं की बात कर रहे हैं उनके कार्यप्रणाली के दम पर मुंबई के एक रेलवे स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. है ना ये पूरे देशवासियों के लिए गौरवान्वित करने वाली बात.
तो चलिए जानते हैं कि भारत के इन महिलाओं ने ऐसे कौन से कार्यों को अंजाम दिया है जिसकी वजह से लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भारत देश के इस स्टेशन का नाम दर्ज हुआ है.
आज भारत के इस रेलवे स्टेशन की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है. बता दें कि ये रेलवे स्टेशन भारत की आर्थिक नगरी मुंबई में है और स्टेशन का नाम माटुंगा रेलवे स्टेशन है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर माटुंगा रेलवे स्टेशन में ऐसी क्या खासियत है कि इस जगह को लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड में स्थान मिला ?
तो चलिए हम आपको बताते हैं माटुंगा रेलवे स्टेशन के पीछे की हकीकत को.
दरअसल बात ये है कि मुंबई में एक अनोखी पहल की गई जिसके तहत मुंबई के माटुंगा रेलवे स्टेशन पर मौजूद जितने भी कर्मचारी हैं वे सभी के सभी महिलाएं हैं. यानी कि माटुंगा रेलवे स्टेशन पर कार्यरत एक भी कर्मचारी पुरुष नहीं है. इन कर्मचारियों की कुल संख्या 41 है. ये सभी महिलाएं पूरे माटुंगा रेलवे स्टेशन के परिचालन का कार्यभार संभालती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रेलवे स्टेशन के सभी विभागों का कार्यभार सिर्फ और सिर्फ महिला कर्मचारी ही संभालती है.
इन महिलाओं में 8 टिकट चेकिंग, 6 रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, 17 महिलाएं ऑपरेशन और कमर्शियल विभाग में, साथ ही एनाउंसर के तौर पर 2 महिला और 2 संरक्षण स्टाफ के साथ-साथ 5 और महिलाओं को दूसरे जगह पर कार्यभार सौंपा गया है.
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन ये सच है. यहां तक की माटुंगा रेलवे स्टेशन की मैनेजर भी एक महिला ही है जिनका नाम ममता कुलकर्णी है. बता दें कि ममता कुलकर्णी वो पहली पहली महिला है जिन्होंने साल 1992 में रेलवे विभाग में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर कार्यभार संभाला था. उन दिनों कुलकर्णी मुंबई सेंट्रल रेलवे डिवीजन में कार्यरत हुई थीं. अब मुंबई के ‘माटुंगा’ रेलवे स्टेशन के परिचालन का कार्यभार संभाल रही हैं.
ये है माटुंगा रेलवे स्टेशन – भारतीय रेलवे के द्वारा किए गए इस पहल ने महिलाओं को और भी सशक्त बनाने का काम किया है. साथ ही महिलाओं के द्वारा किए गए इस अनोखे कार्यों की बदौलत मुंबई के ‘माटुंगा’ रेलवे स्टेशन को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान भी मिल गया. ये ना सिर्फ मुंबईकरों के लिए बल्कि पूरे देश भर के लिए काफी गौरवान्वित करने वाला कार्य है जिससे देश की सशक्त महिलाओं को और भी सशक्त होने का हौसला मिलेगा.
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