6. जो भक्त यहाँ जाते हैं वह एक सबसे बड़ी गलती करते हैं कि वह सिर्फ माता के मंदिर तक जाते हैं लेकिन यहाँ मान्यता है कि यदि भैरव मंदिर तक नहीं जाया जाये तो यह धार्मिक यात्रा अधूरी ही मानी जाती है. माता ने भैरव को यह आशीर्वाद दिया था कि जो भी भक्त मेरे दर्शन करने आएगा, वह भैरव मंदिर भी जरूर जायेगा.