कहते है मौत किसी को भी नहीं छोड़ती. चाहे वो राजा हो या फ़कीर या फिर कोई ऋषि महात्मा.
मौत से कोई नहीं जीत सका है लेकिन आज जो कहानी आपक्प बताने जा रहे है उस कहानी को पढ़कर आप भी आश्चर्यचकित हो जायेंगे कि कैसे एक ऋषि ने ना सिर्फ अपनी मौत को पराजित किया अपितु स्वयम यमराज भी आकर उसके प्राण नहीं हर सके.
भृगु ऋषि के वंश में एक ऋषि हुए थे जिनका नाम मृकंदु था. मृकंदु और उनकी पत्नी भगवान् शिव के अनन्य भक्त थे.
ऋषि संतानहीन थे. संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने अपनी पत्नी के साथ शिव का कठोर तप किया.
ताप से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान तो दिया लेकिन साथ ही ये भी बताया कि इस बालक की उम्र 16 वर्ष ही होगी.
कुछ समय बाद मृकंदु ऋषि की पत्नी ने एक स्वस्थ और तेज़ वाले पुत्र को जन्म दिया. इस बालक का नाम मार्कंडेय रखा गया.
बचपन से ही मार्कंडेय तीव्र बुद्धि के थे. जल्दी ही उन्होंने सभी वेदों और पुराणों का अध्ययन कर लिया.
ज्यों ज्यों उनकी उम्र बढ़ रही थे वैसे ही उनकी ख्याति और उनका ज्ञान भी बढ़ रहा था. लेकिन उनके माता पिता की चिंता भी बढती ही जा रही थी.
कारण था मार्कंडेय की कम उम्र में मृत्यु की भविष्यवाणी.
माता पिता की चिंता का कारण जानकार मार्कंडेय ने शिव की आराधना करने का निर्णय लिया. अब वो पूरे दिन शिव की तपस्या ही करते रहते थे. इस पराक्र दिन बीतते रहे और मार्कंडेय 16 वर्ष के हो गए. भविष्यवाणी के अनुसार अब उनकी मृत्यु का समय आ गया था.माता पिता दोनों दुःख के सागर में डूब गए.
यम के दूत मार्कंडेय को लेने के लिए जब आये तो मार्कंडेय शिव की गहन आरधना में लीं थे. बहुत प्रयास करने के बाद भी यमदूत उनके प्राण नहीं हर पाए.
थक हार कर यमदूत यमराज के पास चले गए. क्रोधित यमराज स्वयम मार्कंडेय के प्राण हरने के लिए आये. उस समय भी मार्कंडेय बेसुध होकर शिव के ध्यान में लीन थे. यमराज ये देख कर और भी क्रोधित हो गए और उन्होंने मार्कंडेय पर अपनी गदा से प्रहार किया.
गदा का प्रहार मार्कंडेय का ना लगकर उस शिवलिंग को लगा जिसकी आराधना मार्कंडेय कर रहे थे. गदा के प्रहार से शिवलिंग टूट गया और उसी क्षण उसमें से स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए. भगवान् शिव ने यमराज को वह से भगा दिया और मार्कंडेय की भक्ति से प्रसन्न होकर उनकी मृत्यु को टाल दिया.
मराक्न्देय ऋषि ने मृत्यु को हरा दिया और लम्बे समय तक जीवित रहे. मार्कंडेय ऋषि ने ही मार्कंडेय पुराण की रचना की थी.
मार्कंडेय को के मृत्यु को जीवन में बदल देने के कारण ही भगवान् शिव का नाम कालांतक अर्थात काल का अंत करने वाला पड़ा.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…