मारिजुआना गांजा को कहते हैं और हमारे देश में गांजा भगवान शिव का प्रसाद माना जाता है।
लेकिन वह नशीली चीज होती है इसलिए अपने देश में यह बैन है। इसी तरह इसका सेवन करना या इसे बेचना कई देशों में अवैध है। इस कारण ही इसकी सबसे ज्यादा कालाबाजारी होती है और लोग इसको ब्लैक में या गैरकानूनी तरीके से बेचकर खूब पैसा कमाते हैं।
गांजा (Cannabis या Marijuana), एक मादक पदार्थ (ड्रग) है जो गांजे के पौधे से भिन्न-भिन्न विधियों से बनाया जाता है। इसका उपयोग मनोसक्रिय मादक (Psychoactive Drug) के रूप में किया जाता है। मादा भांग के पौधे के फूल, आसपास की पत्तियों एवं तनों को सुखाकर बनने वाला गांजा सबसे सामान्य (कॉमन) है।
तो इन चार लाइनों से आप समझ गए होंगे कि मारिजुआना देसी नशीली पदार्थ है jiska सेवन करना भारत में गैरकानूनी माना जाता है। लेकिन आजकल यह सुर्खियों में है। क्योंकि इसे एक विकसित देश ने कानूनन बेचने की इजाजत दे दी है।
कनाडा में मारिजुआना बेचना कानून गलत नहीं
कनाडा में मारिजुआना बेचना या उसका सेवन करना अब गैरकानूनी नहीं है। कनाडा की संसद ने जून 2018 में इसे मान्यता दे दी और अक्टूबर 2018 से इसे कनाडा में बेचना कानूनन गलत नहीं है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि देश में 17 अक्तूबर से गांजे का इस्तेमाल वैध होगा और इस कदम से संगठित अपराध कम होगा और देश के युवा सुरक्षित रहेंगे। कनाडा की संसद ने मारिजुआना को वैधता प्रदान करने वाले विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दी। कानून लागू होने के बाद कनाडा गांजा के इस्तेमाल को कानूनी रूप देने वाला दुनिया का दूसरा देश बन जाएगा। ट्रूडो का कहना है कि प्रांतीय और टेरिटोरियल सरकारों को खुदरा विक्रय की तैयारी करने का समय चाहिए। उन्होंने कहा, हमें आशा है कि 17 अक्तूबर से गांजा खुदरा बाजार में उपलब्ध होगा।
इस कानून से कनाडा दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन गया है जहां ड्रग्स का इस्तेमाल लीगल। इससे पहले उरुग्वे ही एकमात्र ऐसा देश है जहां भांग का इस्तेमाल करना लीगल है। बिल को संसद में पेश करने वाले सांसद टोनी डीन ने कहा, ”आज हम कनाडा में एक 90 साल पुराने कानून को खत्म करने जा रहे हैं जिसमें भांग के इस्तेमाल को बैन किया गया था वो 90 साल जिसमें क्राइम को बढ़ावा मिला और जिससे कुछ हासिल नहीं हुआ सिवाए नुकसान के.”
केवल उम्र को लेकर विवाद
अब केवल उम्र को लेकर विवाद ही। कनाडा में लागू हो रहे इस बिल से संबंधित उम्र को लेकर विवाद है। अभी तक यह तट नहीं हो पाया है कि कितनी उम्र तक के लोग इस चीज का सेवन कर सकते हैं। इसलिए कनाडा में लागू हो रहे इस कानून का सबसे विवादास्पद पहलू ये है कि इस कानून के तहत भांग के इस्तेमाल के लिए मिनिमम एज क्या रखी जाए। अभी 18-19 साल की उम्र तय की गई है जिसपर विवाद हो रहा है। ये उम्र अमेरिका में तय की गई उम्र से कम है। हालांकि उम्र को कम रखने के समर्थकों का मानना है कि मिनिमम एज 21 साल रखने से युवा ब्लैक मार्केट से ड्रग्स खरीद सकते हैं जिससे क्राइम को बढ़ावा मिलेगा। कनाडा के कंजर्वेटिव सांसद भांग के इस्तेमाल को लीगल करने का विरोध कर रहे हैं। कनाडा के कंजर्वेटिव सांसद लियो ने कहा, ”इस कानून को लागू करके हम सभी अवैध काम करने वालों को बड़ा बिजनेसमैन बना रहे हैं।”
क्या है सीनेट बिल
मंगलवार को कनाडा की सीनेट ने बिल सी-45 को मंजूरी दी है जिसे कैनाबिस एक्ट के नाम से भी जानते हैं। इस बिल को पहले ही हाउस ऑफ कामंस की तरफ से मान्यता मिल चुकी थी। अब सीनेट की मंजूरी का मतलब है कि बिल कानून में बदल जाएगा।इस बिल के तहत व्यस्कों को घर में चरस रखने, उगाने और इसे बेचने की कानूनी मंजूरी मिल गई है। सरकार अब इस पर नजर रखेगी कि कहीं चरस नाबालिगों को तो नहीं बेची जा रही है। अगर ऐसा होगा तो फिर आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकेगा। प्रांतीय सरकारें इसकी बिक्री, वितरण और इसके उत्पादकों को मान्यता देंगी।
वैसे तो हाल-फिलहाल में इसे स्कूल परिसर में भी बेचने की इजाजत दे दी गई है। लेकिन इसका सेवन कर वहीं ना तो क्लास में प्रवेश कर सकता है और ना बैठकर पढ़ सकता है। मतलब कि एक तरह से यूज़र की मर्जी पर डाल दिया गया है कि वह मारिजुआा का कैसे इस्तेमाल किया है।
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