मनोज कुमार को निर्माता-निर्देशक और अभिनेता के रूप में भारतीय सिनेमा में किए गए, उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दादा साहेब फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दादा साहेब फिल्म पुरस्कार का भव्य आयोजन दिल्ली में हुआ, जिसमें देश के राष्ट्रपति ने विजेताओं को अपने हाथ से अवार्ड प्रदान किये.
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में अमिताभ बच्चन को ‘पीकू’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, कंगना रनौत को ‘तनु वेड्स मनु रिटन्र्स’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया. अमिताभ को यह पुरस्कार चौथी और कंगना को तीसरी बार यह मिला है.
मनोज कुमार जब स्टेज पर आये
मनोज कुमार जब स्टेज पर आये तो अब वह पहले की तुलना में अधिक कमजोर नजर आ रहे थे.
वह अधिक देर तक अवार्ड कार्यक्रम में शामिल भी नहीं हो सके. लेकिन जब वह अवार्ड ले रहे थे तब जरूर यह दृश्य देखने लायक था. देशभक्ति फिल्मों से अपनी पहचान बना चुके, वे यहाँ भी भगवा प्रेम को छोड़कर नहीं आ सके. उनकी शर्ट और सर पर बंधी एक पट्टी इनका भगवा प्यार दिखा रहा था. जहाँ दूसरे कलाकार इस मौके पर अलग-अलग पहनावे में थे, उन्हों ने भगवा रंग को अपनाकर देश और धर्म के प्रति अपने प्यार को सिद्ध किया.
कुछ लोगों को हैरानी हुई, जब मनोज कुमार ने साईं भगवान की मूर्ति जब से निकाली
वहीँ कुछ लोगों को हैरानी तब हुई, जब उन्हों ने अपनी जेब से साईं भगवान की एक मूर्ति निकाली और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेंट की. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मनोज कुमार साईं भगवान के बहुत बड़े भक्त हैं. जब मनोज ने इतने बड़े स्टेज पर साईं मूर्ति निकाली तो इससे धार्मिक एकता का सन्देश देश को गया. परन्तु कुछ लोग साईं को एक विवादित रूप में मानते हैं, उनको यह देखकर बड़ी हैरानी हुई है.
किन्तु यहाँ समझना जरुरी है कि उन्हों ने अपने इस कार्य से धार्मिक एकता को बढ़ाने का काम किया है. मनोज कुमार खुद अपने जीवन में साईं को बहुत मानते हैं. जब मनोज कुमार यह भेंट राष्ट्रपति को दे रहे थे तब वाकई में यह देखने वाले पल थे.
राष्ट्रपति के पैर छुकर किया अभिनंदन
जब उनको राष्ट्रपति दादा साहेब फाल्के अवार्ड दे रहे थे तो इन्होंने अपने संस्कारों को दिखाते हुए तुरंत इनके पैर छुकर अभिनंदन किया. आज जिस तरह से यह संस्कार लोगों के अंदर से ख़त्म हो रहा है वहीँ मनोज कुमार ने साबित किया कि वह आज भी दिल से एक सच्चे भारतीय ही हैं.
कुल मिलाकर मनोज कुमार को दादा साहेब अवार्ड मिलना, देश को गौरान्वित करने वाला पल है.
मनोज कुमार ने अपने जीवन में जिस तरह से साफ़-सुथरी छवि की फिल्मों का निर्माण किया है, उसको लेकर तो यह अवार्ड इनको बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था लेकिन देरी से ही सही, किन्तु मनोज कुमार को यह पुरस्कार मिलना सिनेमा जगत के लिए शुभ संकेत है.
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