राजनीति

खुलासे में पता चला है कि माल्या को माल चटाने वालों में मनमोहन सिंह भी थे !

लोग पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जितना सीधा समझते हैं उतना सीधा वे हैं नहीं.

ये हम नहीं कह रहें हैं बल्कि सबूत बता रहे हैं.

डिफाल्टर माल्या को मदद करने वालों भारत के भगौड़े विजय माल्या को बढ़-चढ़कर मदद करने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री का भी नाम है.

आखिर ये बिना ऊपर की मदद के कैसे संभव था कि माल्या घोटाले पर घोटाला करते जा रहे थे और सरकारी बैंक उन्हें लोन पर लोन बांट रहा था. जबकि बैंक जानता था कि माल्या बैंक के डिफाल्टर हैं.

आपको बतां दें कि यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सवाला उठें हों. इसके पहले प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मनमोहन सिंह पर कोयला घोटाले को लेकर भी आरोप है.

साथ ही माल्या के मददगारों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी हैं.

अभी तक माल्या को लेकर कांग्रेस भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब कांग्रेस सरकार में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री रहे उसके दो शीर्ष नेता इस लपेटे में आ गए हैं.

यह खुलासा होने के बाद भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया है.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विजय माल्या के साथ इन दोनों के बीच हुए पत्राचार की जानकारी दी बल्कि वे सारी चिट्ठियां भी मीडिया के सामने पेश कर दी जो बता इस बात का सबूत है कि माल्या को जनता के मेहनत की मलाई परोसने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह किसी से पीछे नहीं थे.

दावा तो यहां किया जा रहा है कि बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले थे, इस बातचीत में ही मनमोहन सिंह ने लोन के लिए माल्या को टॉप ब्यूरोक्रेट्स से बात करने को कहा. जिसके बाद माल्या मनमोहन सिंह के निर्देश पर उनके सलाहकार टी. के. ए. नायर से मिले.

वहीं भाजपा का दावा तो यहां तक है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माल्या की मदद के लिए संबंधित मंत्रालयों से खुद बात की थी. इतना ही नहीं माल्या ने मनमोहन सिंह और चिदंबरम को दो-दो चिट्ठियां लिखीं.

भाजपा का दावा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री को माल्या ने पहली चिट्ठी 4 अक्टूबर 2011 को और दूसरी चिट्ठी 22 नवंबर 2011 को लिखी, जबकि तत्कालीन वित्तमंत्री को माल्या ने 21 मार्च 2013 और 22 मार्च 2013 को दो चिट्ठियां लिखीं.

बताया जाता है कि 4 अक्टूबर 2011 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी अपनी पहली चिट्ठी में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को मदद करने पर खुशी जाहिर की. माल्या ने पत्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री को कहा कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन की मदद की, इस बात की उन्हें बेहद खुशी है.

किंगफिशर की मदद करने के दावे की पुष्टि 14 नवंबर 2011 को दिए सिंह के एक बयान से भी होती है. जिसमें प्रधानमंत्री ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा था कि हमने किंगफिशर को मुश्किल से निकालने का रास्ता निकाल लिया.

भाजपा प्रवक्ता पात्रा ने खुलासा करते हुए कहा कि उन्हों  ने माल्या की किस हद तक मदद की इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या का अकाउंट फ्रीज कर दिया तो मनमोहन सिंह के दबाव डालकर माल्या का अकाउंट अनफ्रीज कराया था.

Vivek Tyagi

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