गणेश से मैनेजमेंट के मंत्र – दुनिया में तीज-त्योहारों का देश भारत हैं. जहां पर हर महीने कोई न कोई त्योहार किसी न किसी प्रांत में मनाया जाता है.
यहां पर भगवानों की पूजा के लिये सावन के सोमवार, नवरात्रि, जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे पर्व भी सेलिब्रेट किए जाते हैं. भारत में देवी-देवताओं की पूजा सबसे ज्यादा होती है. और यहां सबसे ज्यादा मंदिर भी हैं.
भारत में सिंतबर के महीने में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है.
ऐसे में देशभर में गणेश जी की स्थापना के लिए पंडाल और मूर्तियां तैयार की जाती हैं. इस बार भी 13 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. और भक्तगण 11 दिन बप्पा की पूजा-अर्चना करेंगे. सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय देवता है भगवान गणेश, किसी भी कार्य की शुरुआत में इनका ही स्मरण किया जाता है. भगवान गणपति को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. क्योंकि वह हमारे जीवन में आने वाली सभी समस्याओं को दूर कर देते हैं.
लेकिन क्या आपने कभी गणपति स्थापना के दौरान ये सोचा है कि भगवान सभी देवताओं से भिन्न हैं. उनके शरीर का आकार विचित्र है, उनका हाथी के समान मुख है, बड़े-बड़े कान, छोटी-छोटी आंखें और बड़ा पेट भी है. इसके पीछे के राज के बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे. तो चलिए आज हम भगवान गणेश की शारीरिक आकृति के जरिए आपको सफल गणेश से मैनेजमेंट के मंत्र सिखाएंगे, जो उनकी शारीरिक संरचना में छिपी है.
गणेश से मैनेजमेंट के मंत्र को आजमाकर आप अपने बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं.
आज हम आपको बिजनेस मैनेजमेंट के यही सूत्र बताने जा रहे हैं…
गणेश से मैनेजमेंट के मंत्र –
1 – बड़ा सिर, बड़े विचार
गणेश का बड़ा सिर बड़े विचार को दर्शाता है. ऐसे इंसान जो कामयाब होते हैं वो हमेशा बड़ा सोचते हैं. मैनेजमें में कहा जाता है कि ‘थिंक बिग’. गणपति का बड़ा सिर हमें सीख देता है कि हमें बिजनेस में हमेशा नया सोचते रहना चाहिए. हमें हमेशा बड़ा सोचना चाहिए ताकि हम बड़ा कर भी सकें. ऐसे में आपके अंदर नये विचार जन्म लेंगे और आप अपने बिजनेस को उन्नति की राह पर ले जा सकेंगे.
2 – बड़े कान, ज्यादा सुनना
भगवान गणपति के दो बड़े-बड़े कान ज्यादा सुनने और कम बोलने का मंत्र देते हैं. एक अच्छा टीम लीडर वही होता है जो अपने कर्मचारियों की बात को सही से सुने और विचार करे. कई बार दूसरे के आइडिया सुनकर आपने मन में नये विचार और नये तरीके आने शुरु हो जाते हैं.
3 – छोटी आंखें, ध्यान लक्ष्य की ओर
श्रीगणेश की छोटी-छोटी आंके हमेशा अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित रहने की सीख देती हैं. कभी भी अपने लक्ष्य से अपनी आंख को भटकने न दें और हमेशा फोकस बनाकर रखें. वहीं एक अच्छा बिजनेसमैन और एक अच्छा टीम लीडर बन सकता है.
4 – छोटा मुख, थोड़ा बोलना और सही बोलना
गजानन के छोटा मुख बताता है कि हमें कम बोलना चाहिए लेकिन जब भी बोलें सही और सटीक ही बोलें. ज्यादा बोलने से कभी-कभार चीजें गलत भी निकल जाती हैं ऐसे में एक टीम लीडर को हमेशा सही और सटीक बात ही करनी चाहिए. कम बोले पर विनम्रता के साथ बोलें, तभी वह गणेश जी की तरह सभी के दिलों पर राज कर सकता है.
5 – लंबी सूड़, दूर तक सूंघना
भगवान गणेश की लंबी सूंड दूर की चीजों का सूंघने की क्षमता को दर्शाता है. जिस तरह हाथी अपने विशाल शरीर के बावजूद एक नन्हीं सी चींटी को लेकर सावधान रहता है, उसी तरह एक व्यापारी और टीम लीडर को भी छोटे-छोटे खतरों के प्रति पहले से ही जागरुक रहने की जरूरत होती है. भगवान गणेश की ही तरह आपको भी हमेशा चीटी जैसे दिखने वाले शत्रुओं को कम नहीं समझना चाहिए.
6 – बड़ा पेट, बात पचाना
लंबोदर का बड़ा पेट बड़ी से बड़ी बात को पचाने की क्षमता को इंगित करता है. कई बार आपसे कोई किसी की बुराई करें तो आप उसे गाएं नहीं बल्कि पचा लें, यही एक कुशल टीम लीडर की पहचान है. आप गणेश जी के बड़े पेट से यह सीख भी ले सकते है कि आपके अन्दर अपनी असफलताओं को डाइजेस्ट करने की क्षमता भी होनी चिहिए .
7 – चार भुजाएं और एकदंत, काम के प्रति समर्पण
चतुर्भुज गणेश के चार हाथ आपको काम करने के जुनून और टीम भावना को व्यक्त करते हैं। जब महाभारत लिखने के लिये वेदव्यास जी ने भगवान गणेश से अनुरोध किया , तो गणेश जी ने इस काम के महत्व को समझते हुए यह निश्चय किया कि इसके लिए वह अपने एक दांत को समर्पित कर देंगे ताकि वह महाभारत ग्रंथ को लिख सकें. उन्होंने अपनी सुंदरता को दरकिनार करते हुए एक दांत को त्यागना मंजूर किया. इससे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि किसी भी कुशल टीम लीडर को किसी बड़े काम के लिए छोटा त्याग करने से गुरेज नहीं करना चाहिए.
तो दोस्तों, गणेश से मैनेजमेंट के मंत्र – इस बार जब आप गणपति स्थापना करें तो उनसे एक मैनेजमेंट का गुण जरूर लें ताकि आप अपने बिजनेस और जॉब में लगातार सफलता की सीढ़िया चढ़ते रहें.