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10 रुपये में खरीदी मौत

मालवानी , मुंबई

 विनोद और वर्षा का 2005 में प्रेम विवाह हुआ था.

दोनों एक खुशहाल जीवन बिता रहे थे , अपने दो प्यारे बच्चों के साथ. सब कुछ अच्छा था बस एक आदत जो बुरी थी रमेश की वो थी शराब की लत. वर्षा के बार बार मना करने पर भी ये लत नहीं छूट रही थी, पर किसने सोचा था उसकी ये लत एक दिन पूरे परिवार की खुशियों को लील जाएगी.

हमेशा की तरह उस शाम भी रमेश शराब पीने गया, लौटा तो बड़ा खुश था आज उसने सिर्फ 30 रुपये में शराब खरीदी थी, 10 रुपये पाउच की दर से.  रमेश और उस जैसे शराब की लत लगे लोगो ने शराब नहीं खरीदी,  उन मरने वालों ने 10 रुपये में खरीदी खुद की मौत.

(फोटो क्रेडिट – द गार्डियन )

वर्षा को ही नहीं रमेश को भी क्या  पता था उसने 10 रुपये में खरीदी खुद की मौत

 रमेश और उसके जैसे लगभग 100 लोग पिछले तीन दिनों में बेवक्त ही काल के गाल में समा चुके है.

इनकी मौत का सबब बनी जहरीली देसी शराब.
मरने वालों में अधिकांश गरीब और मजदूर वर्ग के लोग है.

पिछले कुछ दिनों से मालवानी और चारकोप में तस्करी से शराब आ रही थी. शराब की डिलीवरी लेने वाली अधिकांशत: महिलाये थी.

तस्करी के बाद ये शराब अवैध ठेकों और घरों में पंहुचा दी जाती थी. इस शराब की कीमत  बोतल बंद पानी से भी कम थी.

लगभग 10 रुपये प्रति पाउच इसी वजह से ये शराब धड़ाधड बिकती थी. ये गोरखधंधा काफी दिनों से चल रहा था, इसका भांडा फूटा जब तीन दिन पहले लोगों के मरने की खबरें आई.

दो दिनों में ही इस शराब से मरने वाले लोगों की संख्या 100 हो गयी. प्रशासन और जनता सकते में थी. इतनी बड़ी तादाद में जहरीली शराब से मरने की ऐसी घटनाएं कम ही होती है.

प्रशासन हरकत में आया और छान बीन करके कुछ आरोपियों को पकड़ा गया है. अभी भी बहुत से लोग जिन्होंने ये शराब पी थी, अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे है. अधिकतर मौतें शराब पीने के 72 घंटों बाद हुयी.

इस घटना के बाद कुछ पुलिसकर्मियों को भी बर्खास्त किया गया है. ये सब तो बस लीपा पोती है. ऐसे हादसे और इस स्तर की तस्करी छोटे मोटे प्यादों और पुलिस के हवलदारों के बस की बात नहीं. ऐसी काम में तो रजा से लाकर संतरी सबको पेशगी मिलती है.

(फोटो क्रेडिट – इको नेट)

फिलहाल तो पुलिस अधिकारी मुख्य अभियुक्त की तलाश में है जो अब भी पकड़ से बाहर है और इस मालवानी की ज़हरीली शराब के कारोबार के सरगना के बारे में पता कर रही है.

धीरे धीरे सब शांत हो जायेगा पुलिस की कार्यवाही, जनता का रोष बस गूंजती रहेंगी तो उन उजड़े हुए परिवारों की चीखें जिन्हें शराब की लत लील गयी है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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