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अब सपने पूरे कीजिये, कभी भी, कहीं भी!

dare-to-dream

हर किसी का सपना होता है ज़िन्दगी में कुछ हासिल करने का, किसी मुक़ाम पर पहुँचने का!

पर ज़्यादातर लोग अपने हालात से हाथ मिला लेते हैं और फिर सिर्फ़ ज़िंदा रहने में अपनी मेहनत लगाते हैं बजाये उन सपनों का पीछे करने के! कभी लगता है उम्र हो गयी तो कभी लोगों के डर से अपने सपनों को सिर्फ़ अपनी आँखों में ही सजाये, दुनिया से छुपाये फिरते रहते हैं|

कब तक जिएँगे ऐसे?

क्यों ऐसा सोचना की अब उम्र हो गयी, अब सेहत साथ नहीं है, अब इतनी मेहनत नहीं होगी? अगर आपके सपने सच्चे हैं, दिल से देखे हैं, तो फिर घबराना कैसा, बस लग जाइए उन्हें सच करने के लिए और फिर देखिएगा कैसे एक-एक करके हर तम्मन्ना, हर आरज़ू पूरी हो जायेगी!

आईये बताऊँ कुछ ऐसे रास्ते जिनपर चलके आप अपने हर सपने को हकीकत में बदल सकते हैं!

1) दिशा
सबसे पहले यह जान लीजिये कि कौन-सी दिशा में जाना है, दिल से क्या चाहते हैं आप? यह सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण क़दम है क्योंकि यही आपकी नींव बनेगी, यहीं से हर रास्ता खुलेगा! एक बार तय कर लिया कि किस तरफ जाना है, फिर उसकी तैयारी हो सकती है और उस मंज़िल को पाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा सकती है|

2) फ़ोकस
संसार में बहुत सी चीज़ें, बहुत सी बातें हमें लुभाती हैं और हमारे ध्येय से ध्यान बाँटने में सफ़ल हो जाती हैं| इनसे बचके रहिएगा! जो सपना है, बस अपना केंद्र-बिंदु उसी पर रखिये और उसके लिए जो भी करना पड़े, कितनी भी पढ़ाई करनी पड़े, कर डालिये! बस तैयार रहिये कि इस मेहनत से सपने पूरे करने के नए मौके मिलेंगे और उन्हें दोनों हाथों से दबोच लीजिये!

3) कान बंद ही रखिये
याद रखिये, जब आप इस रास्ते पर चलना शुरू करेंगे तो बहुत से लोग आपका मनोबल तोड़ने की कोशिश करेंगे| उन में से ज़्यादातर लोग आपके अपने ही होंगे लेकिन आपको किसी की तरफ नहीं देखना, किसी की नहीं सुननी, बस अपनी राह पर चलते जाना है| लोग शायद बताएँगे कि कैसे आपका सपना मुश्किल है, आज तक कोई नहीं कर पाया, बड़ी मेहनत है, शायद पूरा ही ना हो और ना जाने क्या-क्या कहेंगे| लेकिन यह वही लोग हैं जिन्होंने ख़ुद अपने सपनों का गला घोंट दिया है, उन्हें आपके साथ ऐसा मत करने दीजिये!

4) हर किसी के लिए तैयार
सपनों की कोई उम्र नहीं होती लेकिन अगर आप ऐसी उम्र में हैं जहाँ आपके प्रतिद्वंदी आप से 10-20 साल छोटे हैं तो कमर कस लीजिये, क्योंकि आपको उनसे भी दुगुनी मेहनत करनी है अपने आप को सिद्ध करने के लिए! यह बहाना नहीं चलेगा कि वो तो जवान है इसलिए कर लिया, अब अपनी उम्र हो गयी! नहीं यार, अगर दिल से चाहते हो सपनों को पूरा करना तो फिर जी-तोड़ मेहनत करो और दिखा दो उन जवान लोगों को कि यह उम्र सिर्फ़ दिमाग का खेल है और कुछ नहीं!

5) प्लैन बी
इस बारे में तो सोचना भी मत! या तो सब दे डालो या कुछ भी नहीं| अगर चल पड़े हो कि सपने पूरे करने हैं तो फिर वही हैं ज़िन्दगी! उनके अलावा और कुछ ना तो दिखना चाहिए, ना ही ज़िंदा रहने का कोई और रास्ता टटोलना चाहिए! दिन-रात, सोते-जागते बस आपका ध्येय ही सामने होना चाहिए! तभी तो मिलेगा वरना ना यहाँ के रहेंगे ना वहाँ के!

अपने पाँव में बाँधी ख़ुद पर अविश्वास और शक़ की बेड़ियां तोड़ डालो और चल पड़ो अपने सपनों के शहर में उनसे मिलने!
सफ़ल हो!