एक बात तो तय है जब तक भारत रहेगा तब तक महात्मा गाँधी को भुलाया नहीं जा सकता. इस बात का सबसे बड़ा सुबूत ये है कि इस नाम का सहारा लेकर एक परिवार ने पिछले 60 साल तक देश की बागडोर संभाली. सार्वजानिक रूप से महात्मा गाँधी को जितना महान माना गया उतना महान उन्हें निजी जिंदगी में नहीं माना गया. इसका सुबूत है गाँधी के अपने पुत्र के साथ मनमुटाव.