यात्रा और खान-पान

500 रूपए देकर आप भी खा सकते हैं जेल की हवा, इन स्थानों पर मिल रही है ये सुविधा

अगर आपकी ख्वाहिश है कि एक बार आप जेल जाकर जेल में रहने का अनुभव ले और देखें कि वहां की हवा पानी और जींदगी कैसी है तो अब आपकी ये तमन्ना भी पूरी हो सकती है.

इसके लिए आपको कोई अपराध भी नहीं करना होगा बल्कि इसके लिए आपको मात्र 500 रूपए खर्च करने होंगे.

जो लोग जेल की हवा खाना चाहते हैं उनके स्वागत के लिए महाराष्ट्र जेल प्रशासन तैयार है. बस आपको जेल में कुछ घंटे बिताने के लिए आपको 500 रुपये चार्ज देना होगा.

साथ ही जेल के सारे नियम-कायदे एक कैदी की तरह फॉलो करने होंगे. जेल में बिताए जाने वाले वक्त के दौरान मेहमान कैदी को जेल के नियम फॉलो करने होंगे. उन्हें बैरक में रखा जाएगा. एल्यूमिनियम के बर्तन में खाना दिया जाएगा.

साथ ही कैदी जो काम करते हैं, वह भी करने होंगे. जैसे, चटाई बनाना, लिफाफे बनाना.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र जेल प्रशासन राज्य की तीन जेलों में जेल टूरिज्म को शुरू करने पर विचार कर रहा है. इस जेल टूरिज्म के लिए महाराष्ट्र जेल प्रशासन के आईजी राजवर्धन सिन्हा ने ठाणे, रत्नागिरी और सावंतवाड़ी जेल प्रमुखों से जेल के स्पेस के बारे में जानकारी मांगी है.

ताकि जेल में उपलब्ध जगह को ध्यान में रखते हुए आगे की प्लानिंग की जा सके.

महाराष्ट्र जेल प्रशासन तेलंगाना की तर्ज पर अपने यहां भी जेल टूरिज्म शुरू करना चाहता है. गौरतलब है कि तेलंगाना की सांगारेड्डी जेल में जेल टूरिज्म का आइडिया काफी समय पहले अपनाया जाता था. यह जेल 1796 में निजाम द्वारा बनवाई गई थी. यहां दो मेहमान कैदी को गार्ड सुबह 5 बजे जगा देते थे और उन्हें आंगन में ले जाया जाता था. पूरे दिन वह कैदियों वाला जीवन जीते थे और शाम 6 बजे उन्हें बैरक में बंद कर दिया जाता था

बताया जाता है कि इस म्यूजियम में महाराष्ट्र जेल प्रशासन के आईजी राजवर्धन एक रात रुके थे, इसी दौरान उनके दिमाग में यह आइडिया आया. क्यों न महाराष्ट्र में भी इसी प्रकार का प्रयोग करके देखा जाए.

जैसे लोग विलेज टूरिजम, स्पॉर्ट्स टूरिज्म या किसी और तरह के टूर का आनंद लेते हैं उसी प्रकार लोग जेल टूरिजम को भी इंजॉय कर करे. बताया जाता है कि महाराष्ट्र पुलिस प्रशासन अपने इस प्रयोग की सफलता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है.

क्योकि राज्य में यरवदा और मांडले आदि कई ऐसी जेले हैं जिनका संबंध इतिहास से रहा है. तिलक से लेकर गांधी, सावरकर और नेहरू तक आजादी के आंदोलन में इन जेलों में बंद रहे हैं.

जिन जेलों में स्वतंत्रता सेनानियों को कैद रखा गया था और फांसी दी गई थी, उनका अनुभव करने के लिए लोग बड़ी तादाद में आएंगे ऐसा अनुमान है.

साथ ही इनका मानना है कि ज्यादातर लोगों ने जेल को अब तक केवल फिल्मों में ही देखा है. ऐसे में उन्हें सलाखों के पीछे की जिंदगी को जानने और समझने का मौका मिलेगा.

बताया जाता है कि शुरूआत में मेहमान कैदियों को जेल में केवल कुछ घंटे रुकने की ही सुविधा दी जाएगी, क्योंकि जेलों में ज्यादा स्पेस नहीं है. जैसे जैसे जेलों में जगह की सुविधा होगी तो इस टाइम पीरियड को बढ़ाया भी जा सकता है.

Vivek Tyagi

Share
Published by
Vivek Tyagi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago