इतिहास

441 साल बाद महाराणा प्रताप से हारे अकबर !

महाराणा प्रताप – ये सोशल मीडिया है जनाब… यह आपकी हर करनी और कथनी पर चर्चा करना अपना धर्म सिद्ध अधिकार समझती है।

इससे बिल्कुल फर्क नहीं पड़ता कि आज ये दुनिया में एक ऐसा बाण बन चुकी है, जो एक बार अगर अपनी कमान से निकल गया तो वापस नहीं लिया जा सकता। लेकिन सोशल मीडिया के इन वायरल किस्सों में अब जो किस्सा है, उसे इतिहास के साथ छेड़छाड कहा जा सकता है।

आखिर कहां हुआ… 441 साल बाद महाराणा प्रताप और अकबर के बीच युद्ध

राजस्थान की किताबों में हुए बदलाब के बाद अब हल्दीघाटी युद्ध के इतिहास में करीब 360 डिग्री का बदलाब आ गया है। दरअसल सोशल मीडिया की सुर्खियां की माने तो राजस्थान की किताबों में हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप को अकबर से युद्ध में विजयी बताया गया है, हालांकि ऐतिहासकारों द्वारा दर्ज इतिहास के मुताबिक सच्चाई इसके बिल्कुल ही विपरित है।

किताबों में मुताबिक यह दिया गया है कि अकबर ने महाराणा प्रताप को गिरफ्तार करवाने का आदेश दिया था, वह हर हाल में महाराणा प्रताप को जिंदा ही पकड़ना चाहता था। दूसरा यह कि वह मेवाड़ को मुग्ल सम्राजय में मिलाना चाहता था… और अपने दोनों ही उद्देश्यों में वह नाकाम रहा। इसका सीधा-सीधा अर्थ तो यही हुआ कि इस युद्ध के दौरान अकबर की विजय नहीं हुई।

राजस्थान के किताबी शब्द ये है…

इसके साथ ही किताब के पृष्ठ 31 पर साफ शब्दों में लिखा है कि “मुगल सेना की विजय प्रमाणित नहीं होती है क्योंकि अकबर की मानसिंह व आसफ खाँ के प्रति नाराजगी जिसमें उनकी ड्योढ़ी बंद कर दी गई, मुगल सेना का मेवाड़ में भयग्रस्त समय गुजारना और मेवाड़ की सेना का पीछा ना करना ऐसा परिदृश्य है जो हल्दीघाटी युद्ध का परिणाम प्राताप के पक्ष में लाकर खड़ा कर देते है”

सोशल मीडिया कर रहा है लगातार ट्रोल

अब राजस्थान के इन किताबी शब्दों के बाद पूरा भारत इस इतिहास के साथ छेड़छाड़ के लिए लगातार राजस्थान को ट्रोल कर रहा है। बतां दे कि नई किताब 2017-2018 में छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इतिहास को इस तरह पलटने को लेकर सोशल मीडिया पर अब कुछ इस तरह जता रहे है लोग अपना विरोध-

  • राजस्थान सरकार के अनुसार अगर महाराणा प्रताप ने अकबर को हराया, तो फिर तो हम ये क्यों नहीं कह सकते कि भारत 1962 के युद्ध में हारा नहीं, बल्कि जीता था।
  • एक ट्रोलर ने तो आज की राजनीति का तर्ज देते हुए कहा है कि महाराणा प्रताप की सेना में आरएसएस और बीजेपी शामिल थी, इसलिए अकबर की हार हो गई।
  • कई लोग इससे 441 साल के लंबे युद्ध के बाद महाराणा प्रताप की जीत का नाम दे रहे है, व साथ ही एक कहावत के तर्ज पर कह रहे है… देखा कैसे कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…

महाराणा प्रताप – हालांकि सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल होने के बाद इस पाठ्यक्रम के लेखक चन्द्रशेखर ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि इतिहास के पन्नों में कई ऐसी बातें दर्ज है, जो इस बात की ओर इशारा करते है कि वह युद्ध महाराणा प्रताप के पक्ष में था।

Kavita Tiwari

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