विशेष

बेहद हास्यंपद और रोमांचक है किस्से कालीदास के

महाकवि कालीदास एक संस्कृत लेखक थे, जिन्हें सबसे महान कवि और शास्त्रीय नाटककार के रूप में सम्मानित किया गया था।

महाकवि कालीदास वास्तव में गुप्त राजवंश के काल से थे और कुछ लोग यह भी दावा करते है कि वह उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य के दरबार के नौ रत्नों में से एक थे। कालिदास ने तीन नाटक लिखे थे मालविकाग्नमित्रम, अभिज्ञान शाकुन्तलम और विक्रमोर्वशीयम। इनमें से मालविकाग्निमित्रम और अभिज्ञान शकुन्तलम सबसे मशहूर नाटक रहे है।

आज भी लोग कालिदास की इन किताबों के पढ़ते है।

कालिदास की महाकाव्य कविताओं में, सबसे ज्यादा प्रशंसा ऋतुसंहार, मेघदूत, कुमारसंभवम और रघुवंशम की हुई। आधुनिक समय में कालिदास के कार्य ने दुनिया भर में सम्मान प्राप्त किया और कई जागतिक कलाकारों को प्रभावित किया।

अभिज्ञानशाकुन्तलम ने यूरोपियों के बीच एक समसनी पैदा की, जब सर विलियम जोन्स द्वारा अंग्रेजी में इसका अनुवाद किया गया।

महाकवि कालीदास का लेखन यानि उनकी किताबें विभिन्न अंतराराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद की गई। जासे जर्मन, फ्रेंच, डैनीश, इटालियन इत्यादि।

उनके नाटक और कविता मुख्यत: शास्त्रों पर आधारित थी और उनके नाटक आज भी भारतीय छियेटरों में नाटक द्वारा फिल्माएं और दर्शाये जाते है।

महाकवी कालीदास का भारत के कई महान लेखकों पर बहुत प्रभाव पड़ा है, जिसमें रब्रिन्द्रनाथ का नाम भी शामिल है

किस्से महाकवि कालीदास के

कालीदास अपनी शादी से पहले मुर्ख थे ये बात तो हर कोई जानता है। उनकी पत्नी द्वारा किये गए घोर पमान के बाद वह इतने आहत हुए कि वह ज्ञान पाने के लिए हठ पर बैठ गए, जिसके बाद वह एक बड़े ज्ञानी के तौर पर दुनियाभर में प्रसिद्ध हो गए।

एक समय की बात है जब कालीदास बहुत ज्ञानी हो गए, उस समय उनके ज्ञान के टकर में उन्हे कोई नहीं मिलता था। इस बात का कालीदास को घमंड़ हो गया। अब कालीदास को लगने लगा था कि उन्होंने सब सीख लिया है, अब सीखने के लिए कुछ भी बाकी नहीं बचा है। तब एक पड़ोसी राज्य से उन्हें शास्त्रार्थ का निमत्रंण मिला, वह विक्रमादित्य से वहां जाने की अनुमति लेकर चल दिये।

गर्मी का मौसम था, कड़ी धूप के चलते उन्हें बहुत प्यास लग गई। तभी उन्होंने देखा कि पास ही एक झोपड़पटी बनी हुए थी, वह पानी मांगने वहां पगुंचे तो देखा कि कुए के पास एक लड़की पानी का भरा मटका लिए खड़ी है, फिर क्या कालीदास ने आव-देखा ना ताव और बच्ची से पानी मांगने पहुंच गए।

महाकवि कालीदास ने जब बच्ची से पानी मांगा तो बच्ची ने पलटकर कहा- मैं आपको नहीं जानती पानी कैसे पिला दूं। बच्ची की बात सुनकर कालीदास का घमंड़ जाग गया और कालीदास ने कहा अपने घर से किसी बुजुर्ग को बुलाओं वो मुझे बहुत अच्छे से जानते होंगे। मै बहुत बड़ा विद्धवान हूं। कालीदास के इस वाक्य पर बच्ची ने तर्क कर कहा आप झूठ बोल रहे है, क्योकि इस संसार में तो दो ही विद्वान है पहला जल और दूसरा भोजन… जो किसी को कही भी झूका सकते है। तर्क-वितर्क की ये कहानी यहीं खत्म नहीं हुई इसके बाद बच्ची ने दुबारा कालीदास से पूछा कि सच बताइये आर कौन है?

बच्ची के इस प्रकार दुबारा पूछने और अपने प्यास के बढ़ जाने के कारण कालीदास ने दुबारा बच्ची के सवाल का जवाब दिया और कहा कि मैं एक बटोही हूं। बच्ची इस पर और बिगड़ गई और उसने जवाब में कहा कि नहीं इस संसार में दो ही बटोही है सूरज और चांद… जो बिना थके चलते रहते है और आप तो थक गए है आप बटोही कैसे हो सकते है। अब बच्ची ने अपना मटका उठाया और वहां से लेकर अपनी झोपड़ी में चली गई।

इसके बाद झोपड़ी से एक बुढ़ी महिला बाहर आयी, अब तक कालीदास प्यास से जार-जार हो चुके थे, इसलिए बड़े विनम्र भाव से उन्होंने बुजुर्ग महिला से पानी मांगा। लेकिन बुढ़िया ने भी उन्हें पानी नहीं दिया और कहा कि पहले अपना परिचय दो।

महाकवि कालीदास ने बुजिर्ग महिला के साथ भी ज्ञान का वाद विवाद चलता रहा।

फिर अंत में बुजुर्ग महिला की बात का जवाब देते हुए कहा कि मैं एक महामुर्ख हूं। मां ने कहा इस संसार में दो ही मूर्ख है एक राजा, जो बिना ज्ञान के शासन करता है और दूसरा दरबारी पंडित जो बिना किसी वजह के राजा को खुश करने का प्रयास करता रहता है।

मां के इतना कहते ही मां ने अपना स्वरूप बदल लिया और अपने असल सरस्वती रूप में आ गई। मां के स्वरूप को देखते ही कालीदास उनके चरणों में गिर गए। इसके बाद मां ने कालीदास को उठाते हुए समझाया की ज्ञान की सीमा अपरमपार है, यह कभी खत्म नहीं होता। हर इंसान हर क्षण कुछ नया सीखता है। मैने तेरे ज्ञान के घमंड को तोडने के लिए ये सारा स्वांग रचा था।

Kavita Tiwari

Share
Published by
Kavita Tiwari

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago