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चिता की राख से आरती करने पर खुश होते हैं उज्जैन के राजा ‘महाकाल’

महाकालेश्वर

आरती में शामिल होने के खास नियम

तड़के सुबह के वक्त होनेवाली भस्म आरती के लिए कई महीने पहले से बुकिंग की जाती है.

भस्म आरती सुबह चार से छह बजे के बीच की जाती है. और इसमे शामिल होने के लिए एक दिन पहले मंदिर प्रशासन से आवेदन पत्र देकर अनुमति हांसिल करना होता है.

अनुमति पत्र तभी हांसिल किया जा सकता है जब आपके पास आपका असली पहचान पत्र हो. अनुमति मिलने के बाद सुबह 2 से 3 बजे के बीच भस्म आरती की लाइन में लगना पड़ता है. तब करीब चार बजे भक्तों को मंदिर में प्रेवश दिया जाता है.

पुरुष धोती पहनकर और महिलाएं साड़ी पहनकर ही इस आरती में शामिल हो सकती हैं. ऐसा न करने पर उन्हे आरती में शामिल नहीं किया जाता है.

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कहते हैं जो महाकाल का भक्त है उसका काल कुछ नहीं बिगाड़ पाता, शायद इसलिए महाकाल के इस अद्भुत रुप की एक झलक पाने के लिए देश विदेश से लोग इस नगरी में पहुंचते हैं.

उज्जैन के राजा महाकाल को खुश करने के लिए होनेवाली भस्म आरती में शामिल होने के लिए मंदिर के सभी नियमों का पालन भी करते हैं.

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