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चिता की राख से आरती करने पर खुश होते हैं उज्जैन के राजा ‘महाकाल’

महाकालेश्वर

भस्म से होता है महाकाल का श्रृंगार

उज्जैन के राजा महाकाल के मंदिर में आयोजित होनेवाले दैनिक अनुष्ठानों में दिन का पहला अनुष्ठान होता है भस्म आरती का. जो कि भगवान शिव को जगाने, उनका श्रृंगार करने और उनकी सबसे पहली आरती करने के लिए किया जाता है.

इस आरती की खासियत यह है कि आरती हर रोज़ सुबह चार बजे, श्मशान घाट से लाई गई ताजी चिता की राख से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर छिड़काव करके की जाती है.

सबसे पहले सुबह चार बजे भगवान का जलाभिषेक किया जाता है. उसके बाद श्रृंगार किया जाता है और ज्योतिर्लिंग को चिता के भस्म से सराबोर कर दिया जाता है.

वैसे तो शास्त्रों में चिता के भस्म को अपवित्र माना जाता है लेकिन भगवान शिव के स्पर्श से भस्म भी पवित्र हो जाता है, क्योंकि शिव तो निष्काम हैं.

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