विशेष

कचड़े से 1,350 Dolls बनाकर इस महिला ने बनाया विश्व रिकॉर्ड !

कचड़े से गुड़ियाँ – बचपन में गुड़ियों से खेलने का शौक तो हर किसी को होता है लेकिन बड़े होने के बाद शायद ही कोई उन गुड़ियों के बारे में सोचता होगा।

मेरी दीदी की भी एक गुड़िया थी। जिसको हमलोगों को कभी छूने नहीं देती थी और जिसके कारण हम दोनों में काफी झगड़े भी होते थे। लेकिन फिर हम बड़े हो गए और वह गुड़िया एक कोने में ही पड़ी रहने लग गई। हमें गुड़िया की याद तब आई जब कोई हमारे घर से उसे चोरी कर के ले गया और मेरी दादी को वह जगह खाली लगी।

फिर भी हमारा रिएक्शन बिल्कुल नॉर्मल वाला था। हम लोगों ने बोला ठीक ही है। वैसे भी कोने में पड़ी रहती थी।

कचड़े से गुड़ियाँ –

सीरियसली… कोने में पड़े रहती थी।

बस उस गुड़िये की अहमियत इतनी ही थी। जिस के बिना बचपन अधूरा लगता था वह एक दिन कोने में पड़े रहने वाली चीज बन जाती है औऱ जब गायब होती है तो किसी को फर्क भी नहीं पड़ता। ऐसी होती है बचपने की गुड़ियों की दास्तां।

लेकिन इस दास्तां को बदलने की कोशिश कर रही है कोच्ची के Palluruthy की रहने वाली Vijitha Retheesh.

कचड़े से गुड़ियाँ – कूड़े में फेंक देते हैं

हमने तो उस गुड़िया को सजाकर रख दिया था। लेकिन कुछ लोग बचपने की चीजों को कूड़े में फेंक देते हैं। वैसे भी घर में बेकार पड़ी चीज़ों का लोग करते है क्या है…? उसे कूड़े में फेंक देते हैं? अब जो चीज़ कचरे में चली गईं आखिर उस का किया भी क्या जा सकता है।
लेकिन ऐसा हर कोई नहीं सोचता।

Vijitha ऐसा नहीं करती

कोच्ची के Palluruthy की रहने वाली Vijitha Retheesh ऐसा नहीं करती और पुरानी चीजों से नई चीजें बनाती है। जिस गुड़िया को पुरानी होने के कारण लोग फेंग देते हैं Vijitha उस गुड़िया को कचड़ों के द्वारा बनाती है। तो अगर आगे से आप कोई गुड़िया खरीदे तो ध्यान से देखिएगा कि कहीं यह वहीं गुड़िया तो नहीं जिसे Vijitha ने कचड़े से बनाया है।

कचड़े से बनाई 1,350 Dolls

Vijitha ने न सिर्फ़ कूड़े में फ़ेकें जाने वाली चीज़ों से महीने भर में 1,350 Dolls बनाईं, बल्कि ऐसा करके पिछले साल अपना नाम Guinness Book of World Records में भी दर्ज कराया।

इसी बारे में बात करते हुए Vijitha Retheesh ने कहा, ‘मैंने टाइम पास करने के लिए पेपर Dolls बनानी शुरू की थी, लेकिन बाद में मुझे इसमें काफ़ी दिलचस्पी आने लगी। इसके बाद मैंने रोज़ाना एक-दो गुड़िया बनाना शुरू किया, फिर इसके बाद बढ़ाकर इनकी संख्या 10-15 कर दी।’

आगे वो कहती हैं कि इस काम के लिए मेरे पति और मेरा परिवार मुझे लगातार प्रोत्साहित करता रहा। इसके साथ ही मुझे मेरे लक्ष्य को हासिल करने में मदद भी की। उनका मानना है कि अपशिष्ट पदार्थ भी काफ़ी मूल्यवान होते हैं. शायद मेरा ये कदम दूसरों को कुछ सीखने के लिए प्रेरित करे।

Psychology की पढ़ाई करने के साथ-साथ Vijitha ‘How To Use Recycled Material’ पर एक किताब भी लिख रही हैं. वाकई बेकार सामान बेकार नहीं होता, बस उसे इस्तेमाल करने तरीका आना चाहिए।

कचड़े से गुड़ियाँ – तो ऐसे होते हैं कुछ लोग जो कचड़े से उपयोगी वस्तु बना डालते हैं और कुछ हमारी तरह होते हैं जो उपयोगी वस्तुओं को भी कचड़ा बना देते हैं।

Tripti Verma

Share
Published by
Tripti Verma

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago