पानी जीवन के लिए जरुरी है.
पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती और धरती में पानी का सबसे बड़ा स्रोत है बारिश. जब तक अच्छे से बारिश नहीं होती तब तक धरती और धरती के जीवों की प्यास नहीं बुझती .
धरती में संतुलन और जीवन को जिन्दा रखने के लिए बारिश का होना बहुत जरुरी है.
ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, पेड़ पौधों की कमी से बारिश की सम्भावना कम हो गई है. इस समस्या से निपटने के लिए भारत में एक मशीन के आविष्कार का दावा किया जा रहा है, जिससे बारिश कराकर पानी की कमी को दूर कर सकते है.
तो आइये जानते हैं कहाँ और किसने किया है यह बारिश के मशीन का आविष्कार
गुजरात के चम्पावत जिले में बारिश नहीं होने के कारण किसान और जनता दोनों मायूस हो चुके थे.
ऐसे में गुजरात के निवासी मोहन भाई ने बारिश के मशीन का आविष्कार किया है और सूखे की समस्या को खत्म कर बारिश कराने की बात कही .
मोहन भाई को जब नवसारी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में अवॉर्ड मिला, तब उन्होंने दावा किया है कि उनके द्वारा बनाई गई मशीन बारिश वाले बादल बना सकती है और उस बादल से बारिश भी कराई जा सकती है
मोहन भाईने अपने इस मशीन का नाम मेघराज रखा है और चम्पावत में एक ऐसी मशीन साथ लेकर आए थे, जो पर्यावरण से ऑक्सीजन और हॉइड्रोजन के कणों को इकट्ठा करता है.
यह कण 10 -15 दिन के बाद कृर्तिम बादल बना देते है जिससे बारिश होने लगेगी.
मोहन भाई के दावे के अनुसार इस मशीन से 15 किलोमीटर के दायरे में बारिश कराई जा सकती है.
मोहन भाई के इस दावे को उनके साथ आए पीएस बाघानी जो वैज्ञानिक है उन्होंने गुजरात के कच्छ में इस मशीन के द्वारा 18 इंच तक बारिश करने के दावे की छानबीन की बात कही है.
मोहन भाई के इस दावे को कुछ लोग गलत बोल रहे है तो कुछ सही कह रहे है. लेकिन जब तक इस मशीन का परिक्षण पूरी तरह नहीं हो जाता कुछ भी नहीं कहा जा सकता.
मोहन भाई का यह आविष्कार सिद्ध हुआ तो पानी की कमी और बारिश ना होने के कारण निराश होते किसान के लिए यह एक चमत्कार होगा.