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इस देवी की कीजिये पूजा जिसने भगवान शिव को दी हैं शक्तियां

माँ सिद्धिदात्री

माता का नवरात्रा अब समापन की ओर है.

इस साल माता हमारे घरों में रहमत बरसाने आई, इसके लिए हम इनका कोटि-कोटि नमन करते हैं. माता की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं. माता अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं.

शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव ने भी राक्षसों का वध करने के लिए माँ सिद्धिदात्री से ही शक्तियां प्राप्त की थी. इसी कारण से शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था. बाद में यही मुख्य कारण था कि शिव को अर्द्धनारीश्वर नाम से भी जाना गया है. इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बाईं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है, इसलिए इन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है.

माता की कृपा से भक्तों को सभी तरह की शक्ति प्राप्त होती हैं. भक्त के शरीर के सभी चक्र माता खोल देती हैं. सिद्धिदात्री माँ से भक्त सभी शक्तियां प्राप्त कर सकता है. माँ आध्यात्मिक शक्ति भी देती है तो तंत्र शक्ति भी भक्त को प्रदान करती है. तो माता के नौवे दिन इस तरह से आप माँ सिद्धिदात्री को प्रसन्न करें-

ऐसे करें पूजा-

माँ की चौकी के सामने भक्त आसन पर बैठ जाये. इसके बाद माँ के पूर्व स्वरुप को चौकी से हटायें और उसके बाद माता के सिद्धिदात्री स्वरुप को चौकी साफ़ कर, विराजमान करें. भक्त माता की साज-सज्जा करें और उसके बाद माँ के सामने अग्न ज्वलित करें. माता की पूजा की विधि सामान्य ही है. बस भक्त माता के सामने अग्न जलाकर हवन सामग्री जरुर डालें. माता की आरती से पहले भक्त गणेश भगवान की आरती करें और इसके बाद भक्त माता की आरती करें. माँ के बाद आप भगवान हनुमान जी की आरती जरुर करें. हनुमान भी माता के प्रिय भक्त हैं और वह भक्तों का बेडा पा लगा देते हैं.

पूजा के बाद आपको कुछ देर माता के ध्यान में जरूर बैठना है. माता के ध्यान मन्त्र को कम से कम आप 108 बार जपें. इसके बाद आपको उठना है.

माता का जप मन्त्र इस प्रकार है-

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

इस जप मन्त्र को आप सुबह और शाम जरुर जपें. जप के बाद माता से आप शक्तियां मांगे और विनती करें कि माँ अपनी शक्तियों का कुछ अंश अपने भक्त को दें.

इस प्रकार से की गयी पूजा माता को प्रसन्नता प्रदान करती है और भक्त को खुशियों से मालामाल बना देती है.