उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 अक्टूबर की रात एक भयानक हादसा होते होते रह गया.
जिसको लेकर कयास लगाया जा रहा है कि लखनऊ को दहलाने की यह कोई बड़ी आतंकी साजिश तो नहीं थी.
उरी आतंकी हमले और पीओके में आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइ के बाद पूरा देश इस समय हाई अलर्ट पर है.
खुफिया एजेंसियां राज्यों को पहले ही आगाह कर चुकी हैं कि आतंकी सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाकर भारत के अंदर किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. आतंकी इसके लिए परमपरागत बम धमाकों जैसे हथियारों से इतर कुछ नए हथकंडे भी अपना सकते हैं.
लखनऊ में 1 अक्टूबर की रात सिविल अस्पताल परिसर में जिस प्रकार करीब 100 वाहनों के पेट्रोल पाइप कटे पाए गये. उसको देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है कि यह कोई आतंकी साजिश भी रही हो. क्योंकि वहां जमीन पर दूर दूर तक जिस प्रकार पेट्रोल बिखरा हुआ था वह किसी साजिश की ओर ही संकेत करता है.
पुलिस का कहना है कि जिस प्रकार वाहनों के पाइप काटकर पेट्रोल को जमीन पर बिखेरा गया था उसको देखकर यही लगता है कि यह सब किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश के तहत किया गया है, जैसे कोई पेट्रोल बम की साज़िश.
उस रात जब इस पेट्रोल बम की साज़िश को अंजाम देने की तैयारी चल रही थी तभी एक मरीज के परिजन अस्पताल पार्किंग में अपनी बाइक खड़ी करने के लिए पहुंचे. वहां पहुंचे व्यक्ति को महसूस हुआ कि कहीं से पेट्रोल की गंध आ रही है. उसने देख कि बाइक के नीचे काफी मात्रा में पेट्रोल बिखरा हुआ है. जैसे जैसे वह शख्स आगे बढ़ता गया उसको जमीन पर पेट्रोल ही पेट्रोल बिखरा नजर आने लगा.
मौके पर पहुंची पुलिस और आतंक निरोधी दस्ता भी इसको देखकर हैरान रह गया है. वहीं खुफियां ब्यूरों का कहना है कि वारदात को जिस प्रकार से अंजाम दिया गया उसको देखकर लगता है कि इसके पीछे कोई आतंकी साजिश भी हो सकती है.
क्योंकि आतंकी पुलिस और खुफिया ब्यूरों की पकड़ से बचने के लिए अब वारदातों के लिए परमपरागत तरीको से हटकर भी वारदातों को इंजाम देने की फिराक में है. जिस प्रकार करीब 100 वाहनों के पाइप काटकर पेट्रोल बहाया गया उसके पीछे भी यही मकसद हो सकता है. क्योंकि यदि यह साजिश सफल हो जाती तो इसमें इतने लोगों की जान जा सकती थी कि इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. इस साजिश के सफल होने पर किसी बम धमाके से अधिक जानमाल का नुकसान होता.
पुलिस और जांच दल को शक है कि जिसने भी ये पेट्रोल बम की साज़िश की है संभव है कि पार्किंग को निशाना बनाने के अलावा भी उसका कोई अन्य टारगेट था. इससे पहले कि वह वारदात को अंजाम देता वहां एक बाइक सवार आ गया. जिससे वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका. नहीं तो चिंगरी पकड़ने के बाद पार्किंग में खड़ी 100 बाइके 100 बमों में तब्दील हो जाती. इसे हम पेट्रोल बम की साज़िश कह सकते है.