कहते हैं कि सच्चा प्यार नसीब वालों को ही मिलता है…
लेकिन कब मिलता है ये कह नहीं सकते।
कुछ ऐसा ही हाल लगता है इंद्राणी मुखर्जी की है । वैसे मीडिया के ख़बरों की बात करें, तो इंद्राणी मुखर्जी के 5 पति रह चुके हैं। हालाँकि कि अभी तक तो सिर्फ़ 3 ही सामने आए हैं। पहले सिद्धार्थ दास फिर संजीव खन्ना और अंत में जिसका सरनेम इंद्राणी लगाती हैं यानी पीटर मुखर्जी।
पहला प्यार कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सच है, लेकिन इंद्राणी मुखर्जी ने प्यार की परिभाषा ही बदल दी। रोमांस के मामले में इंद्राणी तो काका यानी दिवंगत राजेश खन्ना साहब और बॉलीवुड के किंग खान को भी पीछे छोड़ दिया। अरे ये हम नहीं कह रहे हैं, से तो इंद्राणी की प्रेम कहानियाँ बयां कर रही हैं।
इंद्राणी के साथ सालों पहले लिव इन में रहे सिद्धार्थ दास से इंद्राणी बेइंतहां मोहब्बत करती थीं, लेकिन जैसे – जैसे इंद्राणी को पता चला कि उनके पास पैसों नहीं हैं, सिद्धार्थ का दामन छोड़ने में ज़रा भी देर नहीं लगाई। बक़ौल सिद्धार्थ दो बच्चों के होने के बाद भी इंद्राणी को उनपर तरस नहीं आया और वो चल पड़ीं मोहब्बत के लिए अगला बंदा ढूँढने।
जब-जब इंद्राणी ने इश्क़ के लिए तरसी क़िस्मत उन्हें हर बार सहारा दी। वो हर बार नए- नए बंदों से मिलती गईं और अपनी मोहब्बत की फ़्लेवर देती गईं।
अंत में पीटर मुखर्जी की पत्नी बनकर तो वो दुनियाभर में पॉप्युलर हो गईं।
लेकिन वो कहते हैं न कि किसी भी चीज़ की अति इंसान को पागल कर देती है और उसका विनाश कर देती है।
शायद इसी इश्क़ की अति के कारण इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी शीना की हत्या कर दी जैसा की ख़बरों में दिखाया जा रहा है।
इश्क़ का यही पागलपन और जूनून आज इंद्राणी मुखर्जी तो पुलिस के हवाले कर दिया है। उसकी इश्क़ की वो कश्ती डूब रही है अब। उसे सहारा देने वाला शायद अब कोई नहीं। जिस इश्क़ को मोहरा बनाकर इंद्राणी नेम-फ़ेम और अपार दौलत की शहज़ादी बनी थीं, वही इश्क़ आज उन्हें बर्बादी की राह पर लाया है।
( इस लेख का तात्पर्य किसी व्यक्ति विशेष के सम्मान को ठेस पहुँचाने की नहीं है। वर्तमान में चल रही ख़बरों से ही इस लेख का ताना-बाना बुना गया है। )