ENG | HINDI

पहली नज़र में प्‍यार होना होता है सिर्फ अट्रैक्‍शन

पहली नज़र में प्‍यार

फिल्‍मों में अकसर पहली नज़र में प्‍यार होते हुए दिखाया गया है।

सवाल यह है कि क्‍या यह मुमकिन है कि आपने पहली बार किसी को देखा और आपको उससे प्‍यार हो गया वो भी सच्‍चा प्‍यार।

इस मुद्दे पर पहले भी बहुत चर्चा हो चुकी है कि क्‍या लव एट फर्स्‍ट साइट वाकई में होता है या फिर यह सिर्फ किस्‍से कहानियों तक ही सीमित है। प्‍यार की शुरुआत लव एट फर्स्‍ट साइट से हो सकती है लेकिन पहली नज़र में ही गहरा प्‍यार हो जाना थोड़ा मुश्किल लगता है क्‍योंकि किसी से प्‍यार करने के लिए उसे जानना बहुत जरूरी होता है और जब आप किसी के साथ समय बिताते हैं तो आपको उससे धीरे-धीरे प्‍यार होने लगता है। पहली नज़र में गहरा प्‍यार तो शायद हीर-रांझा और रोमियो जूलियट को भी नहीं हुआ होगा।

फिल्‍म निर्माताओं और गीतकारों का यह बेहद पसंदीदा विषय है। विज्ञान की मानें तो पहली नज़र का बस प्‍यार कोरी कल्‍पना है। वास्‍तव में ऐसा कुछ भी नहीं होता है। इस विषय पर आधारित शोध पर्सनल रिलेशनशिप्‍स नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक यह मात्र शारीरिक आकर्षण के कारण होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिजन नीदरलैंड द्वारा करवाए गए अध्‍ययन में यह पाया गया है कि पहली नज़र का प्‍यार असल में सम्‍मोहन का ही एक दूसरा रूप है जिसे मनुष्‍य ने काल्‍पनिक तौर पर सच मान लिया है। किसी के व्‍यक्‍तित्‍व से प्रभावित होकर उसे प्‍यार का नाम देना वैज्ञानिकों को थोड़ा अटपटा सा लगता है।

कई बार यह आकर्षण इतना पावरफुल होता है कि हमें ये पता ही नहीं चलता है कि वो इश्‍क है या‍ सिर्फ कशिश। इन अध्‍ययनों से यह पता चला है कि ज्‍यादातर व्‍यक्‍तियों ने एक दूसरे की शारीरिक गतिविधियों पर ध्‍यान दिया और हाव भाव को अपनी कल्‍पना से मिलाने की कोशिश की है।

हालांकि, कुछ लोग इस बात से सहमत नहीं हैं, उनका मानना है कि दिल की बातों को दिमाग के तराजू से तोला नहीं जा सकता है। विज्ञान के इस तथ्‍य को प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने जैसा कहा जा सकता है।

विज्ञान की भाषा से चलो माना कि पहली नज़र में प्‍यार नहीं होता है लेकिन प्‍यार की शुरुआत तो पहली नज़र से ही होती है। भले ही पहली नज़र में आकर्षण हो लेकिन आगे का रास्‍ता तो यहीं से शुरु होता है। पहली नज़र को आप प्‍यार ना कहें लेकिन प्‍यार की शुरुआत तो कह ही सकते हैं।

अब ये आपकी मर्जी है कि आप विज्ञान की बात मानते हैं या अपने दिल की। दिल की मानेंगें तो पहली नज़र में प्‍यार होता है और विज्ञान के अनुसार दिमाग की मानेंगें तो पहली नज़र में सिर्फ अट्रैक्‍शन होता है। इस थ्‍योरी के तहत जब आप किसी को देखते हैं तो उनके शरीर, चेहरे या हाव-भाव में से कोई चीज़ आपको उनकी ओर आकर्षित करती है जिसे आप प्‍यार का नाम दे सकते हैं लेकिन असल में तो ये आकर्षण ही होता है। हालांकि, आकर्षण के बाद ही आप उनके करीब जाते हैं इसलिए ये भी बहुत जरूरी होता है।