शंगचूल महादेव – प्यार करके शादी करना आज भी हमारे समाज में गुनाह माना जाता है.
कई राज्यों में तो प्रेमियों को मौत के घाट उतार दिया जाता है.मेट्रो सिटीज के बात छोड़ दें तो भारत के छोटे शहरों और गाँव में आज भी किसी से प्रेम करना सबसे बड़ा जुर्म है.
आप किसी से प्रेम नहीं कर सकते. अगर प्रेम हो भी गया तो उसे प्रदर्शित न करें.
शादी तो बहुत दूर की बात है. प्यार को अपने मन में ही छुपा कर रखें. इसे प्रदर्शित न करें .
अब प्रेमियों के लिए एक ऐसे मंदिर का पता चला है, जो इन प्रेमियों को शरण देता है.
ऐसा मंदिर भारत में ही है. लोगों का मानना है कि एक बार अगर यहाँ भागे हुए प्रेमी पहुँच जाएं तो फिर उनका बाल भी कोई बांका नहीं कर सकता. ऐसी यहाँ की मान्यता है. हिमाचल प्रदेश जितना अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण जाना जाता है उतना ही यहां की परंपराओं के कारण भी. इस तरह का मंदिर सच में लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा.
जहाँ इन्हें खुद भगवान् का आशीर्वाद मिल सकेगा.
आज भी प्रेम करने वाले डरे डरे कभी अपने दोस्त तो कभी अपने शहर से दूर भागते हैं और छुपने के लिए जगह खोजते रहते हैं, लेकिन उन्हें एक दिन लोग खोज ही लेते हैं और सजा देते हैं.
आज हम आपको बता रहा है कुल्लू के शांघड़ गांव के देवता शंगचूल महादेव के बारे में जो घर से भागे प्रेमी जोड़ों को शरण देते हैं कालीन शांघड़ गांव में कई ऐतिहासिक धरोहरें हैं. इन्ही में से एक हैं यहां का शंगचुल महादेव मंदिर. इस मंदिर में प्रेम करने वालों के लिए ख़ास वरदान प्राप्त है. इसका साफ़ मतलब ये हुआ कि प्रेम करने वालों पर महादेव की कृपा रहती है.
ये मंदिर बहुत ही सुंदर है.
खूबसूरत वादियाँ और प्रकृति की सुंदर छटा वैसे ही लोगों को अपनी ओर खींचती है. जब दो प्रेम करने वाले यहाँ आते हैं तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है. यहां डलहौजी के खज्जियार की तरह ग्रास फील्ड है. शंगचूल महादेव की सीमा में किसी भी जाति के प्रेमी युगल अगर पहुंच जाते हैं तो फिर जब तक वह इस मंदिर की सीमा रहते हैं उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. प्यार करने वाले यहाँ सुरक्षित रहते हैं.
यहां तक की प्रेमी युगल के परिजन भी उससे कुछ नहीं कह सकते. शंगचुल महादेव मंदिर का सीमा क्षेत्र करीब 100 बीघा का मैदान है. जैसे ही इस सीमा में कोई प्रेमी युगल पहुंचता है वैसे ही उसे देवता की शरण में आया हुआ मान लिया जाता है. अपनी विरासत के नियमों का पालन कर रहे इस गांव में पुलिस के आने पर भी प्रतिबंध है. सच ही कहा गया है कि जब भगवान् आपके साथ हों तो ये दुनिया आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती.
इस मंदिर में रहने के कुछ नियम हैं. यहां शराब, सिगरेट और चमड़े का सामान लेकर आना भी मना है. न कोई हथियार लेकर यहां प्रवेश कर सकता है और न ही किसी प्रकार का लड़ाई झगड़ा तथा ऊंची आवाज में बात नहीं कर सकता है. यहां देवता का ही फैसला मान्य होता है.
अगर आपके प्रेम में भी किसी तरह की रुकावट है तो आप भी इस मंदिर में जा सकते हैं.