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क्‍या सच में टीचर और स्‍टूडेंट में हो सकता है प्‍यार

टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार

टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार – भारत जैसे देश में शिक्षा को पूजा और शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया गया है जो हमारी जिंदगी और भविष्‍य को एक नया और बेहतर मोड़ दे सकते हैं।

वैसे आजकल तो शिक्षा ज्ञान नहीं बल्कि पैसों का व्‍यापार बन चुका है। अब तो इसमें प्‍यार का तड़का भी लगने लगा है।

हम सभी को अपनी जिंदगी में कभी ना कभी किसी ना किसी से प्‍यार जरूर होता है। कुछ लोगों को स्‍कूल में अपने क्‍लासमेट से प्‍यार होता है तो कुछ को शादी-पार्टी या अपने मोहल्‍ले में। प्‍यार एक बात को लेकर बदनाम है और वो ये कि प्‍यार अंधा होता है और इसे उम्र, समाज जैसी कोई सीमा नज़र ही नहीं आती क्‍योंकि प्‍यार इन हदों को पार करने के लिए ही बना होता है।

कई बार प्‍यार में हम कुछ ऐसे रिश्‍ते भी बना बैठते हैं जो दुनिया की नज़रों में गलत माने जाते हैं। सही मायनों में ऐसे रिश्‍तों की बुनियाद नहीं होती है। इसी लिस्‍ट में आता है टीचर और स्‍टूडेंट का प्‍यार।

आजकल खबरों में देखने को मिलता है कि टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार का चक्‍कर चलने लगा और दोनों ने सारी हदें पार कर दीं। कुछ लोग इस रिश्‍ते को सही मानते हैं तो कुछ की नज़रों में ये पाप कहलाता है।

टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार – नहीं रहा पवित्र रिश्‍ता

टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार

पहले के ज़माने में टीचर और स्‍टूडेंट का रिश्‍ता बहुत पवित्र माना जाता था और उस दौर में बच्‍चे ज्ञान पाने के लिए शिक्षक के पास जाते थे और उनका पूरा आदर करते थे लेकिन अब ये तस्‍वीर पूरी तरह से बदल चुकी है।

बदल गई है युवाओं की सोच

कॉलेज लाइफ के दौरान हर युवा के दिमाग और खून में जुनून भरा होता है और वो किसी भी सीमा को उलांघने को तैयार रहता है। ऐसे में वो अपने शिक्षक के प्रति भी आकर्षक हो सकता है और जब आग दोनों तरफ बराबर लगी हो तो ये टीचर- स्‍टूडेंट का रिश्‍ता अपनी हदें पार कर जाता है। अगर टीचर शादीशुदा हो तो परेशानियां और बढ़ जाता है। कई बार एकतरफा प्‍यार की तकलीफ मिलती है लेकिन अगर स्‍टूडेंट और टीचर दोनों इस रिश्‍ते में इन्‍वॉल्‍व हों तो भी ये रिश्‍ता गलत ही कहलाता है।

टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार

टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार में बात शारीरिक संबंध तक पहुंच जाना

अब तो सारी बात जाकर शारीरिक संबंधों पर रूक जाती है। कई बार टीचर और स्‍टूडेंट में प्‍यार इसी ख्‍वाहिश को पूरा करने के लिए बनाया जाता है। सिर्फ शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी के साथ रिश्‍ता बनाना भी गलत है। इससे टीचर स्‍टूडेंट जैसा पाक रिश्‍ता तो दाग-दाग हो ही जाता है साथ ही समाज भी उन्‍हें गलत नज़रों से देखने लगता है और इस रिश्‍ते को समाज में कभी इज्‍जत नहीं मिलती है।

अगर ये रिश्‍ता किसी तरह कामयाब हो भी जाए तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आगे भी वही प्‍यार और जोश बना रहेगा या नहीं। उम्र में फासला होने पर दोनों की राय एक बात पर अलग-अलग हो सकती है जोकि झगड़े की मुख्‍य वजह बन सकती है।

समाज में कभी भी शिक्षक और स्‍टूडेंट के प्रेम प्रंसग को मान्‍यता नहीं मिलती है।