मस्जिदों से लाउडस्पीकर – हर मुस्लिम देश या भारत जैसे महान देशो में जहा अन्य धर्मों को भी बराबर का हक मिलता है वहाँ सभी मुसलिम मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजना किसी भी तरह से कानून का उलंघन करना नहीं समझा जाता है.
लेकिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशो में यह सब कानूनी तौर पर बैन है और यहाँ किसी भी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मना है. वही अगर हम भारत की बात करे तो यहाँ भी ऐसा ही कुछ होने की बात हुई थी लेकिन यह केवल एक लड़ाई और हिंदू मुस्लिम का मुद्दा बन कर रह गया.
बीते साल गायक सोनू निगम ने कहा था कि अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
तब उनके इस बयान पर काफी बवाल मचा था. लोगों का कहना था कि ये धार्मिक आजादी का मामला है, इसलिए इसमें किसी को दखल देने का हक नहीं है. लेकिन अब भारत से दूर अफ्रीकी देश घाना की सरकार ने मस्जिदों और चर्च में लाउडस्पीकर पर बैन लगाने का आदेश दिया है. ऐसे में लोगों को प्रार्थना के लिए बुलाने के एक नया तरीका खोज निकाला है. सरकार ने कहा है लाउडस्पीकर की जगह अजान के लिए वॉट्सएेपमैसेज का इस्तेमाल करें. क्या है पूरा मामला.
घाना सरकार के मुताबिक, सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर और चर्च की घंटियों के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा है.
सरकार का कहना है कि ये दोनों चीज साउंड पॉल्यूशन बढ़ाती हैं और आसपास के लोगों का जीना मुहाल करती हैं.
हालांकि पर्यावरण मंत्री फ्रिम पॉन्गबोटेंग ने संभलते हुए कहा है इमाम लोगों को वॉट्सएेपमैसेज भेजकर नमाज का समय बताएं.
उन्होंने कहा है कि प्रार्थनाका समय वॉट्सऐप और किसी टैक्स्टमैसेज के जरिए क्यों नहीं भेजा जा सकता. हमें लगता है कि इससे साउंड पॉल्युशन काे कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.
मुस्लिम हुए विरोधी
सरकार का आदेश आते ही घाना की मुस्लिम कम्युनिटी ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
इमाम शेख उसान अहमद ने कहा है कि अजान दिन में पांच बार होती है और वॉट्सऐप के जरिए मैसेज भेजना साउंड पॉल्युशन कंट्रोल कर सकता है. लेकिन फिर अजान के लिए इमाम को हर महीने सैलरी मिलना भी बंद हो जाएगी. क्योंकि सारे काम तो मैसेज के जरिए हो जाएंगे. सरकार को एेसा कदम नहीं उठाना चाहिए.
लेकिन देखा जाए तो यह सभी देशों में एक बड़ी समस्या बनती चली जा रही है.
हम पहली से ही इतने ज्यादा पॉल्यूटेड वातावरण में रह रहे हैं की हमारा सांस और ध्वनि सुनना सब सामान्य स्तर से अधिक है. यह समस्या भारत में ज्यादा गंभीर है, भारत वैसे तो एक हिंदू देश है लेकिन यहाँ मुसलमानों का भी अपनी कम्यूनिटी के जरिए कही ना कही राज चलाता ही रहता है. जिस कारण इसे हमेशा धर्म और जाति का मुद्दा बना दिया जाता है. जबकि अगर सरकार कोई कदम लेगी भी तो वह सभी के पक्ष में बराबर होगी. जैसे की घाना की सरकार है. सभी चर्च और मंदिरों में से घंटियों की आवाजें भी बंद कराना सरकार का काम होगा.
देखा जाए तो घाना की सरकार ने जो सुझाव दिया है वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर से होने वाले नॉइस पॉल्यूशन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.