6. कहानी कुछ तब की है जब कामदेव ने भगवान की भी तपस्या भंग कर दी थी और कामदेव को घमंड होने लगा था. तब कृष्ण गोपियों के साथ नृत्य और रास करते थे और कामदेव कृष्ण को बदनाम करना चाहता था. तब कृष्ण से कामदेव ने बोला कि मैं आपका ब्रह्मचर्य भी भंग कर दूंगा. इस बात को सिद्ध करने के लिए शरद पूर्णिमा का दिन तय किया गया और कृष्ण वृन्दावन के जंगलों में पहुंचकर बासुरी बजाने लगते हैं. बासुरी की आवाज सुनकर गोपियाँ जंगल में आ जाती हैं और कृष्ण से प्यार करने के लिए उतावली हो जाती हैं. तब कृष्ण इस महारस में ध्यान और भक्ति की ऐसी लीला रचते हैं कि गोपियों को भगवान के दर्शन होने लगते हैं. इस घटना को महारास बताया गया है और कामदेव की यहाँ हार हुई थी.