10. भस्म और व्याघ्र छाल-
भोलेनाथ को महकलेश्वेर भी कहा जाता हैं और उन्हें भस्म चढ़ाया जाता हैं. जब मनुष्य की मृत्यु होती हैं तब उसका भी शरीर इस भस्म के रूप में ही बचता हैं और इस आदि सत्य को हमें स्वीकार करना ही पड़ेगा. वही व्याघ्र और हस्ती चल को अहंकार का प्रतीक बता कर उन्हें नष्ट करना ज़रूरी हैं.
इन वेशभूषाओं के साथ भगवान् शिव के साथ उनका वाहन नंदी भी होता हैं. उसके चार पैर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक माने गए गए. इस संसार में इन चारों को अपने साथ रखना महत्वपूर्ण कहा गया हैं.