तारकासुर का देवलोक में आतंक
भगवान शिव की समाधि के दौरान ही राक्षस तारकासुर ने अपने तप से ब्रह्मा जी को प्रसन्न करके ऐसा वरदान मांग लिया, जिससे उसकी मृत्यु केवल शिव पुत्र द्वारा ही हो सकती थी. तारकासुर को लगता था कि शिव कभी समाधि से बाहर नहीं आएंगे. इसके चलते वो खुद को अमर समझने लगा और स्वर्ग लोक में आतंक मचाने लगा.
तारकासुर के वध के लिए भगवान शिव का विवाह करना ज़रूरी था और उतना ही ज़रूरी था उनका समाधि से बाहर आना.
भगवान शिव को समाधि से जगाने के लिए सभी देवताओं ने कामदेव को सेनापति बनाकर यह कार्य सौंप दिया.