धर्म और भाग्य

गणेश के कार्तिक हीं नहीं बल्कि चार और भाई भी थे!

भगवान शिव के पुत्र – दोस्तों हम में से ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि भगवान गणेश के भाई सिर्फ कार्तिक हैं.

लेकिन ये सच नहीं है. क्योंकि भगवान भगवान शिव के पुत्र 4 थे. यानि कि भगवान भगवान शिव के पुत्र कुल 2 नहीं बल्कि 6 थे.

शिव पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि माता सती भगवान शिव की अर्धांगिनी थीं. लेकिन जब माता सती का शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ तब उन्होंने राजा हिमालय और माता मेनका के यहां जन्म लिया.

इस जन्म में वो पार्वती के रूप में जानी गईं. पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ.

वैसे तो माता पार्वती के 2 पुत्र हैं. इनका नाम कार्तिकेय और गणेश है. कार्तिकेय को दक्षिण भारत में लोग मुरुगन के रुप में पूजते हैं और भगवान गणेश बुद्धि के देवता के रूप में पूजे जाते हैं.

लेकिन भगवान शिव के पुत्र में से अन्य चार पुत्र और भी थे जिनका उल्लेख हिंदू धार्मिक ग्रंथों में मिलता है.

भगवान शिव के पुत्र –

1. अय्यप्पा

केरल में भगवान अय्यप्पा का काफी विशाल मंदिर है. कहते हैं भगवान अय्यप्पा शिव के पुत्र हैं. भगवान अयप्पा का जन्म समुंद्र मंथन के बाद हुआ. पौराणिक कथाओं में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब विष्णु जी एक सुंदर स्त्री मोहिनी का रूप धारण किए थे, तो भगवान भोलेनाथ उनका रूप देखकर काफी मोहित हो गए. और कुछ समय बाद भगवान अयप्पा का जन्म हुआ था. इसलिए शिव के पुत्र माने जाते हैं भगवान अयप्पा.

2. सुकेश

दरअसल सुकेश के माता-पिता का नाम विद्रुय्तकेश और सालकंठका था. जिसे दंपत्ति ने लावारिस अवस्था में छोड़ दिया. ऐसे में भगवान शिव और माता पार्वती ने सुकेश का पालन – पोषण किया था. कहते हैं सुकेश के पूर्वज दानव कुल के थे. सुकेश के जन्म के पूर्व सदियों पहले प्राहेती और हेती नाम के दो राक्षस हुआ करते थे, उनमें से हेती का पुत्र विद्रुय्तकेश था. और विद्रुय्तकेश का पुत्र सुकेश. चुकी भगवान शिव और माता पार्वती ने इनका लालन-पालन किया इसलिए ये भगवान शिव के पुत्र कहलाए.

3. भूमा

भगवान शिव के पसीने की एक बूंद से भूमा का जन्म हुआ था. उनके शरीर पर चार भुजाएं बनी हुई थी. कुछ समय बाद भूमा मंगल लोक के देवता के रूप में जाने गए.

4. जलंधर

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने एक बार अपने शरीर से निकल रहे तेज को समुंद्र में फेंक दिया था. उसी तेज से जलंधर का जन्म हुआ था. जालंधर भगवान शिव की तरह हीं बेहद शक्तिशाली था. उनकी पत्नी वृंदा थी. वृंदा बहुत पतिव्रता औरत थी. उनकी शक्ति से जलंधर ने तीनों लोक पर विजय प्राप्त कर लिया था. लेकिन विधि का विधान ऐसा था कि अंततः भगवान शिव को हीं अपने उस पुत्र का अंत करना पड़ा.

ये है भगवान शिव के पुत्र – इस तरह भगवान शिव के 6 पुत्र हुए. लेकिन कार्तिक और गणेश को हीं ज्यादातर लोग उनके पुत्र के रुप में जानते और पूजते हैं.

Khushbu Singh

Share
Published by
Khushbu Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago