‘भाई मेरी तो चार गर्लफ्रेंड हैं और मैं तो गोपियों से हमेशा ही घिरा रहता हूँ.’
अक्सर ऐसा ही कुछ आपके दोस्त भी बोलते होंगे. आजकल का युवा प्रेम मामलों में खुद को कृष्ण ही समझता है. कृष्ण रासलीला करते थे इसलिए वह भी रासलीला करेंगे, कृष्ण गोपियों से घिरे रहते थे तो इसलिए इनको भी गोपियाँ चाहिए होती हैं.
लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं कि कृष्ण की रासलीला और आज के युवाओं की रातलीला में क्या अंतर है-
कृष्ण की रासलीला और आज के युवाओं की रातलीला –
1. रासलीला में आत्मा से प्यार होता है
कृष्ण की रासलीला में सबसे अच्छी बात यही थी कि वहां शारीरिक प्रेम की जगह नहीं है. आज कल के युवा इन्सान से शरीर से प्यार करते हैं. असल में उनको सिर्फ और सिर्फ रातलीला से प्यार होता है. कृष्ण ने कभी भी शरीर से प्यार नहीं किया.
2. प्रेम और प्यार में अंतर आ गया है
कृष्ण की रासलीला प्रेम होती थी और आजकल का युवा प्यार करता है. उस प्रेम में सामने वाले से निस्वार्थ भावनायें जुड़ी हुई होती थी. आजकल का युवा तो प्यार सिर्फ और सिर्फ शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करता है.
3. रासलीला में नफा नुकसान नहीं था
आज की रातलीला में शुरुआत से ही यह देखा जाता है कि हमको क्या मिलेगा? क्या फायदा होगा और कितना नुकसान होगा. सब चीजों का हिसाब लगाने के बाद ही आज का युवा प्यार कर रहा है. क्या इस प्यार को कृष्ण के प्रेम से जोड़कर देखा जाना चाहिए?
4. कृष्ण के प्रेम में आंनद होता है
आप यदि रासलीला और महारास दोनों को पढ़िए तो आपको पता चलेगा कि कृष्ण ने कहीं भी किसी गोपी को चिंताजनक स्थिति में नहीं डाला है. आजकल के युवाओं का प्यार ही चिंताओं से शुरू होता है.
5. हवस ही हवस है आज की रातलीला में
रासलीला में कहीं भी जिक्र नहीं है कि कृष्ण ने किसी गोपी के साथ गलत काम किया है. रासलीला में साफ़ है कि यहाँ कृष्ण ने कामदेव को हराया है. आज का युवा सिर्फ और सिर्फ हवस ही कर रहा है. हवस के अलावा उसकी रातलीला में कुछ भी नहीं है.
6. कृष्ण की गोपियों का नाम इतिहास में है
कृष्ण की रासलीला में जो भी गोपियों थीं सभी को इतिहास में जगह मिली हैं. एक तरह से सभी गोपियाँ अमर हुई हैं. वहीँ आज के युवा की गोपियों को हमारा युवा ही भूल जाता है. महीनेभर किसके साथ थे और आज किसके साथ हैं, यह भी नहीं जानते हैं.
ये था फर्क कृष्ण की रासलीला और आज के युवाओं की रातलीला में – तो इस प्रकार के अब आप कृष्ण की रासलीला और आज के युवाओं की रातलीला में अंतर समझ ही गये होंगे. कृष्ण का प्रेम असल में पवित्र रहा है जैसे कि गंगा का पानी और आज के युवाओं की रातलीला का प्यार कोई काला दूषित पानी हैं जहाँ कुछ भी नजर नहीं आता है.
अगर अब भी आप अपनी हवस को कृष्ण के पवित्र प्रेम से तुलना करेंगे तो आप समझ लें कि आप गलती कर रहे हैं.
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