क्या आपने कभी सुना है कि कोई भी व्यक्ति बिना वीजा के दूसरे देश में जा सकता है?
नहीं ना, तो चलिए आज मैं आपको ले चलती हूं उस गांव में, जहां की संस्कृति भी अलग है, लोगों का रहन – सहन भी अलग है, लिबास भी अलग है और भाषा भी अलग है और सबसे बड़ी बात तो ये है कि यहां के लोग बिना वीजा के हीं विदेश की यात्रा कर लेते हैं.
आखिर क्या है इसके पीछे की वजह, चलिए हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताते हैं.
लोंग्वा गांव
भारत के उत्तर पूर्व में नागालैंड की सीमा में मोन नाम का एक जिला है और इसी जिले में एक बहुत बड़ा गांव है, लोंग्वा गांव. यही वह गांव है जहां के लोग बिना वीजा के ही विदेश की यात्रा करते हैं.
दरअसल बात ये है कि यह लोंगवा गांव म्यांमार की सीमा से सिर्फ 45 किलोमीटर की दूरी पर है. इस गांव की खासियत यह है कि म्यांमार और भारत को विभाजित करने वाले सीमा पर इस गांव के मुखिया का घर है, मुखिया के घर के बीच से होकर सीमा का बंटवारा हो रखा है. आप यूं समझ सकते हैं कि इस गांव के मुखिया का आधा घर भारत में है और आधा घर म्यांमार में है.
गांव का रहन – सहन
लोंग्वा गांव के लोग लकड़ी के बने घरों में रहते हैं. यहां ‘कोनाक नागा जाति’ के लोग रहते हैं. इस गांव के मुखिया को अंग कहा जाता है. यहां के मुखिया का म्यांमार और अरुणाचल के 70 गांव पर आधिपत्य है. इस गांव के मुखिया की 7 पत्नियां है. यहां के लोगों ने म्यांमारी और तिब्बती दोनों भाषाओं को मिलाकर अपनी एक अलग हीं भाषा बना ली है.
इस गांव की खासियत ये है कि, यहां के लोगों के अधिकतर रसोईघर म्यांमार में है और सोने के लिए उनके घर भारत में है. त्यौहार के नाम पर ये लोग ‘ऑयलिंग मोन्यू’ नाम का त्यौहार प्रमुख तौर पर मनाते हैं जो कि अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में होता है.
गांव के लोगों का पहनावा
इस गांव के लोग एक अलग ही किस्म के जेवर पहनते हैं.
पुरुष जाती के लोग मुंह पर स्याही लगाते हैं और गले में तांबे की माला पहनते हैं. यहाँ की परंपरा सदियों से चली आई है कि जिसके पास जितने दुश्मनों का जितना ज्यादा सिर होगा, वो उतना हीं ज्यादा ताकतवर समझा जाएगा. तांबे की माला से ये भी पता लगता है कि किस व्यक्ति ने कितना सिर काटा है. यहां के लोग अपने घरों को सजाने के लिए भी अजीबो – गरीब तरह की चीजों का उपयोग करते हैं. जैसे सींग, खोपड़ी, हाथी के दांत इत्यादि जैसे सामानों का इस्तेमाल करते हैं.
लोंग्वा गांव के दाईं तरफ म्यांमार है और बाईं तरफ भारत है.
यहां के लोगों में काफी एकता है. और एक दूसरे से काफी मिल जुल कर रहते हैं. भाईचारे की इसी भावना के कारण इनको दोनों देशों की नागरिकता प्राप्त है.
म्यांमार के लोग दो अलग-अलग देशों में एक होकर रहते हैं.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…