लोकसभा चुनाव 2019 – वर्तमान में देश की राजनीति एक अहम मोड़ पर खड़ी है, जहां 130 करोड़ की जनता ने पहली बार एक बहूमत वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी देखा और संसद में विपक्ष की तरफ से उस बयान को भी सुना जिसने पहली बार किसी तीसरे देश को इस पर सफाई देने के लिए बाध्य किया।
यह बयान 48 साल के युवा नेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का था। संसद में जो कुछ भी राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव के संबोधन के दौरान किया उससे देश की युवा आबादी खुश तो हो सकती है, लेकिन ये कभी नहीं चाहेगी कि वो देश का नेतृत्व उनके हाथों में सौंप दे। लोकसभा चुनाव 2019 की आबोहवा अभी से अपने पक्ष में करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस और राहुल चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी दल साथ आएं तभी मोदी को रोका जा सकेगा।
लेकिन क्या कांग्रेस ये बात अपने युवा अध्यक्ष को पीछे रख कर कर बोल सकती है, क्योंकी कोई भी सहयोगी दल यह नहीं चाहेगी की एक ऐसा नेता उनका नेतृत्व करे जो खुद संसद में अपने आप को पप्पू कहने से भी नहीं चूकते हैं। इतना ही नहीं संसद में उनकी बचकानी हरकत को जिस तरह से पीएम मोदी ने यह कह कर भुनाया कि यहां से उठाने का अधिकार केवल जनता के पास है,लोगों को काफी पसंद आई होगी। ऐसे में जहां पीएम मोदी अपने हर संबोधन में देश के 65 प्रतिशत युवाओं का जिक्र करते हैं, उन युवाओं का भरोसा राहुत संसद में आंख मार कर तो नहीं जीत पाएंगे।
इसके लिए उन्हें मुद्दे पर बात करनी होगी उन्हें बीजेपी के उन जुमलों से बाहर निकलना होगा, जिसमें वो पूरी तरह से फंस चुके हैं, उन्हें ये समझना होगा कि देश की जनता ने न केवल नोटबंदी को स्वीकार कर लिया है, बल्कि जीएसटी को भी धीरे-धीरे सुधारों के साथ अपना रहे हैं। उनके संबोधन में कहीं भी एक अनुभवी नेता की बात नजर नहीं आती वो बिना किसी सबूत के किसी पर भी आरोप लगा देते हैं, जो काम पहले दिल्ली के लिए केजरीवाल किया करते थे।
राहुल को चाहिए की वो अपने संबोधन में सरकार को कोसने की बजाय उन मुद्दों की बात करें जो देश के विकास के जरूरी हैं।
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में इकलौते राहुल हीं युवा हैं, इसलिए कांग्रेस के अंदर बाकी युवाओं को आगे आना चाहिए औऱ मुद्दों को आंकड़ों के साथ जनता के सामने रखना चाहिए, जोकि पीएम मोदी करते हैं। मोदी 60 साल के होते हुए भी अपने हर संबोधन में युवाओं को जोड़ने में कामयाब रहते हैं। वो अपने संबोधन में ये कहने से कभी नहीं चूकते कि आज हमारे पास विश्व की सबसे युवा आबादी है जो देश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए तैयार है।
वहीं जब राहुल अपने आप को पप्पू कहते हैं तो वो ये भूल जाते हैं कि वो पीएम मोदी की उस बात को और पुख्ता करते हैं कि कुछ लोगों की केवल उम्र बढ़ती है बुद्धि नहीं।
पीएम मोदी बार-बार अविश्वास प्रस्ताव के दौरान यह संकेत देने से नहीं चूके कि विपक्ष को लोकसभा चुनाव 2019 की नहीं 2024 की बात करनी चाहिए। ऐसे में यह साफ है कि देश की 65 प्रतिशत आबादी जिसके पक्ष में जाएगी 2019 में हवा उसी की होगी।
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