राजनीति

क्या आप जानते हैं पाकिस्तान के इस प्रधानमंत्री ने पेश किया था नेहरू सरकार का पहला बजट

पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लिकायत अली खान ही भारत में पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के पहले वित्त मंत्री भी थे.

भारत का 1946 का बजट लियाकत अली खान ने पेश किया था लेकिन भारत के विभाजन के बाद जब पाकिस्तान बना तो वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने.

गौरतलब है कि सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था. इसमें मुस्लिम लीग के कोटे से वित्त मंत्री जिन्ना ने लियाकत अली खान को वित्त मंत्रालय दिलवा दिया था.

लियाकत अली खान ने 2 फरवरी 1946 को उसी इमारत में जिसे आज संसद भवन कहा जाता है, में बजट पेश किया था.

मोहम्मद अली जिन्ना के खासमखास लियाकत अली का संबंध करनाल के राज परिवार से था. बंटवारे से पहले वे मेरठ और मुजफ्फरनगर से यूपी एसेंबली के लिए चुनाव भी लड़ते थे. वे जिन्ना के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के सबसे बड़े नेता थे. यही वजह है कि जब अंतरिम सरकार का गठन हुआ तो मुस्लिम लीग ने उन्हें अपने नुमाइंदे के रूप में भेजा था.

इसके पीछे असल मकसद नेहरू को विफल करना था. इसके लिए एक विशेष रणनीति के तहत उन्हें पंडित नेहरू से लड़कर वित्त मंत्रालय का दायित्व दिलवाया गया, जबकि नेहरू नहीं चाहते थे. बहराल, वित्त मंत्री बनने के बाद लियाकत अली खान ने अपने तेवर दिखाने शुरू किए. मुस्लिम लीग और जिन्ना की रूची इस बात में कतई नहीं थी कि सरकार चले.

लिहाजा उन्होंने तय रणनीति के अनुसार सोशलिस्ट बजट के नाम पर इस प्रकार का बजट बनाया जिससे उनके बजट से देश की इंडस्ट्री की कमर टूट जाए और वे सरकार का विरोध शुरू कर दे. उन्होंने व्यापारियों पर एक लाख रुपए के कुल मुनाफे पर 25 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था और कॉरपोरेट टैक्स को दोगुना कर दिया था.

यही वजह है कि लियाकत अली खान पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने एक प्रकार से हिंदू विरोधी बजट पेश किया है.

कांग्रेस में सोशलिस्ट मन के नेताओं ने इन प्रस्तावों का समर्थन किया. पर सरदार पटेल की राय थी कि लियाकत अली खान घनश्याम दास बिड़ला, जमनालाल बजाज और वालचंद जैसे हिंदू व्यापारियों के खिलाफ सोची-समझी रणनीति के तहत कार्रवाई कर रहे हैं.

क्योंकि ये सभी उद्योगपति कांग्रेस से जुड़े थे. ये कांग्रेस को आर्थिक मदद देते थे. घनश्याम दास बिड़ला और जमनालाल बजाज तो गांधी जी के करीबियों में थे.

इसलिए मुस्लिम लीग ने जानबूझ कर ऐसा बजट बनाया था.

Vivek Tyagi

Share
Published by
Vivek Tyagi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago