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आपको जानकर हैरानी होगी कि लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत इस देश से हुई थी

लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत

लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत – भारत में लिव इन रिलेशनशिप को आज भी एक टैबू यानि निषेध माना जाता है।

जो लोग लिव इन रिलेशन में रहते हैं उन्‍हें समाज में नीची नज़रों से देखा जाता है। ऐसे लोगों को भारतीय संस्‍कृति में चरित्रहीन बताया गया है।

इसके बावजूद कई लोग लिव इन रिलेशनशिप में र‍हते हैं लेकिन उन्‍हें समाज के सामने सम्‍मान और स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं होती है। भारत में भले ही लोग शिक्षित हो गए हों लेकिन लिव इन रिलेशनशिप के नाम पर वो आज भी दकियानूसी बातों पर ही विश्‍वास करते हैं।

कुछ लोग लिव इन में रहने को व्‍यक्‍तिगत आज़ादी मानते हैं तो कुछ लोग इसे भारतीय धर्म और संस्‍कृति के विरूद्ध बताते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत भारत में ही हुई थी। लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत सदियों पहले होने वाले गंधर्व विवाह से हुई है।

लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत –

दरअसल ब्रह्मा जी ने अपने पुत्र मनु को धरती पर मनुष्‍य के जीवन के लिए कुछ नियम बनाने के लिए भेजा था। मनु ने 1000 पन्‍नों के एक ग्रंथ का सृजन किया जिसे मनुस्‍मृति कहा जाता है। इस मनुस्‍मृति में मनुष्‍यों के लिए सामाजिक नियम बनाए गए थे। मनुस्‍मृति में हिंदू धर्म के अंतर्गत 8 प्रकार के विवाह के बारे में बताया गया है।

मनुस्‍मृति के अनुसार मनुष्‍य ब्रह्मा विवाह, देव विवाह, आर्श विवाह, प्रजापत्‍य विवाह, गंधर्व विवाह, असुर विवाह, राक्षस विवाह और पिशाच विवाह कर सकता है। गंधर्व विवाह को ही आधुनिक युग में लिव इन रिलेशन कहा जाता है।

क्‍या है गंधर्व विवाह

परिवार की सहमति के बिना जब कन्‍या और वर आपसी सहमति से विवाह कर लें या बिना विवाह के साथ रहने लगें तो इसे गंधर्व विवाह कहा जाता है। सदियों पहले दुष्‍यंत ने शकुंतला से गंधर्व विवाह ही किया था। इन दोनों के ही पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा।

इस तरह लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत सदियों पहले भारत में ही हुई थी