कुत्ते पालने का लाइसेंस – कार और बाइक चलाने के लिए तो लाइसेंस की ज़रूरत होती है, इसके अलावा कुछ बिज़नेस करने और बंदूक आदि रखने के लिए भी लाइसेंस चाहिए.
ये सारी बातें तो आपको पता ही होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे ही देश के कुछ शहरों में जानवर पालने के लिए भी लाइसेंस की ज़रूरत पड़ती है.
हैरान हो गए न सुनकर, मगर ये सच है.
कुत्ते पालने का लाइसेंस –
तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और ग़ाज़ियाबाद जैसे शहरों जानवरों को पालने के लिए लाइसेंस लेना होता है. हाल ही में बैंग्लुरू में पालतू कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखकर लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को काफी महंगा कर दिया गया, इतना ही नहीं लाइसेंस के साथ ही कुत्ते के मालिक को एक रेडिया कॉलर भी लेना होगा. यदि किसी ने नियम का पालन नहीं किया तो उसपर एक हजार का जुर्माना लगेगा. इतना ही नहीं महानगरपालिका ने ये भी बताया कि आप किस नस्ल के कुत्ते पाल सकते हैं, उसने 64 नस्लों के कुत्तों की लिस्ट जारी की है. चलिए आपको बताते हैं कुछ और शहरों में जानवरों को पालने संबंधी क्या नियम हैं.
१ – ग़ाज़ियाबाद
स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग़ाज़ियाबाद नगर निगम ने कुत्ते पालने वाले लोगों के लिए लाइसेंस बनवाने का फरमान जारी किया है. इस फरमान के अनुसार उन्हें ये लाइसेंस पाने के लिए 5,000 रुपए चुकाने होंगे. हालांकि लोग इस नियम का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे उनका खर्च बढ़ेगा.
२ – लखनऊ
लखनऊ में भी पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी हो गया है. वहां पर बड़ी नस्ल के कुत्तों की रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपये और छोटी नस्ल के लिए 300 रुपये है, जबकि देसी नस्ल की रजिस्ट्रेशन फीस 200 रुपये है.
३ – तिरुवनंतपुरम
पीछले साल तिरुवनंतपुरम में भी कुत्ते पालने के लिए लाइसेंस और ब्रीडर रजिस्ट्रेशन करवाने का नियम जारी हुआ था. इस नियम के तहत कुत्तों के मालिकों को 100 रुपए का लाइसेंस लेना होता है. साथ ही साथ हर साल इसे रिन्यू करवाना भी जरूरी होता है. इसी तरह डॉग्स की ब्रीडिंग करवाने वाले को 500 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन करवाना भी ज़रूरी है. साथ ही नगर पालिका कुत्तों को रिकॉर्ड में में शामिल करने के लिए एक माइक्रो चिप लगाए ताकि उनकी पहचान कर उन्हें रेबीज के टीके लगाए जा सकें.
४ – इंदौर
इंदौर में भी बीते साल प्रशासन व निगम अफसरों और नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि लोग सिर्फ गाय या भैंस ही पाल सकेंगे, जिसके लिए उन्हें नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा. साथ ही लाइसेंस देने से पहले निगम की टीम उस शख्स के घर का सर्वे करेगी और देखेगी कि उसके घर में जानवर और उसके लिए चारा-भूसा रखने की जगह है या नहीं. साथ ही जानवर पालने वाले को 100 रुपए के स्टांप पेपर पर शपथ-पत्र भी देना होगा कि वो अपनी गाय-भैंस को बाहर नहीं छोड़ेगा.
कुत्ते पालने का लाइसेंस – कुत्ते से लेकर गाय पालने तक के लिए जिस तरह से इन शहरों में लाइसेंस जारी किया गया है ये अपनेआप में काफी अनोखा मामला है.
इससे लोगों को भले ही थोड़ी परेशानी होगी, लेकिन जानवरों की सुरक्षा के लिहाज से तो ये नियम बिल्कुल सही है.
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