8. इस तरह से कई राष्ट्रविरोधी मुद्दों को इस गे और लेस्बियन रैली में देखा गया है. कश्मीर के मुद्दे ओअर भी सेना का विरोध इस रैली में हो रहा था. यह बातें वाकई हैरान करने वाली थीं.
इस तरह से साफ़ हो जाता है कि इस बार की समलैंगिक रैली लाल विचारों से ही प्रेरित थी.
समलैंगिक लोगों का ध्यान इस बार अपने अधिकारों पर कम था बल्कि सरकार का अलग तरह से विरोध किया जा रहा था जो आज तक कभी समलैंगिक लोगों ने इस तरह की परेड में नहीं किया था.
यकीन मानिये सड़क पर कई लोग इस रैली के मुद्दों को देखते ही आग बबूला हो रहे थे.