2. समलैंगिक रैली में समलैंगिक लोगों को तो अपने अधिकारों की बात बोलनी चाहिए थी लेकिन यह रैली बागो में बहार का वह डायलोग लिख रही थी जिसे कुछ समय पहले वामपंथी गा रहे थे. इससे इस आयोजन की शुरुआत में ही लगने लगता है कि यह रैली किसी विचारधारा के संसाधनों से की जा रही है.