कम सोने से – सेहत विशेषज्ञ हमेशा कहते हैं कि खाने से ज्यादा जरूरी नींद होती है।
आपके पास चाहे कितना भी काम हो लेकिन आपको सब छोड़कर भरपूर नींद लेनी चाहिए। नींद की कमी से कम सोने से होने वाले सेहत के नुकसान के बारे में आपने खूब सुना और पढ़ा होगा।
इतना ही नहीं अगर काम की वजह से आप नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं तो इसका असर आपके दिनभर के रूटीन पर भी पड़ता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी नींद की कमी का बोझ सिर्फ आप ही नहीं बल्कि आपका पूरा देश उठाता है। लेकिन आप ये नहीं जानते होंगें कि कम सोने से देश का अरबों का नुकसान हो रहा है।
कम सोने से देश का अरबों का नुकसान
हाल ही में हुई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि कम सोने से देश को अरबों रुपयों का नुकसान होता है। ये रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने किया है।
एक जर्नल में प्रकाशित हुई स्टडी के मुताबिक एक व्यक्ति की नींद की कमी के आर्थिक परिणामों का विश्लेषण किया गया है। नींद की कमी से होने वाले खर्चों में सेहत सुविधाओं पर खर्च, हेल्थकेयर सेक्टर से बाहर सेहत के लिए किया गया खर्च, कार्यक्षमता पर असर और उसका नुकसान और गाडियों के एक्सीडेंट से होने वाले नुकसान की स्टडी की गई है।
इस स्टडी के परिणाम के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में लोगों की नींद की कमी की वजह से लगभग 17.88 बिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर का नुकसान होता है। ये लागत ऑस्ट्रेलिया की जीडीपी का 1.5 प्रतिशत है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कम सोने से किसी देश को कितना बड़ा आर्थिक नुकसान corporate company पड़ सकता है।
रिपोर्ट्स की मानें तो दुनिया का हर तीसरा इंसान अपनी पर्याप्त नींद नहीं ले पाता है और इससे उनकी सेहत खराब रहती है। अलग-अलग स्लीप सर्वे से पता चला है कि ऑस्ट्रेलिया में लगभग 33 प्रतिशत से 45 प्रतिशत लोग भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं।
वहीं अगर कॉर्पोरेट जगत की बात करें तो यहां काम का टेंशन और टारगेट इतना ज्यादा रहता है कि यहां काम करने वाले करीब 56 फीसदी कर्मचारी दिन में 6 घंटे से भी कम नींद लेते हैं। काम की वजह से कॉर्पोरेट जगत में काम करने वाले हमेशा टेंशन में रहते हैं और टारगेट वाली जॉब हो तो कहने ही क्या।
एंप्लॉयर की ओर से अनुचित और अवास्तविक लक्ष्य देने की वजह से कर्मचारियों की नींद उड़ जाती है और इस वजह से उन्हें थकान, शारीरिक परेशानी, मनोवैज्ञानिक तनाव, प्रदर्शन में गिरावट और शरीर में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं और इस वजह से वो जरूरत से ज्यादा छुट्टियां लेने लगते हैं।
नींद में कमी की सालाना लागत 150 अरब डॉलर है क्योंकि इससे ऑफिस में काम करने क्षमता घट जाती है। काम के दबाव, कॉम्पीटिशन और खडूस बॉस की वजह से भी लोगों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।
अब तो आप समझ ही गए होंगें कि आपके कम सोने से देश को तो नुकसान होता ही है साथ ही इससे आपकी भी कार्यक्षमता घट जाती है।