उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली है तो ऐसे में लोग यही सोच रहे हैं कि इससे देश में सबसे अधिक कोई खौफजदा है तो वह है मुसलमान.
जबकि हकीकत इससे कोसो दूर है.
मोदी से मुसलमान नहीं जेएनयू ब्रिगेड को सबसे अधिक डर है.
जेएनयू ब्रिगेड को अब डर सता रहा है कि जिस प्रकार तमाम कुप्रचार के बावजूद नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश चुनावों में जीत का परचम लहराया है उससे आने वाले दिनों में उनका जो मोदी विरोध का जो एजेंडा है वह फ्लाप हो जाएगा.
आप को याद होगा कि ये लोग मुसलमानों को अक्सर यही डर दिखाते हैं कि नरेंद्र मोदी अगर ताकतवर होते हैं तो देश के मुसलमान के साथ कभी भी गुजरात दंगों पुनरावृति हो सकती है. यही कारण है कि इन्होंने हमेशा से ही भाजपा की जीत को मुस्लिमों के बीच हौवा बनाकर खड़ा किया है. और अब यूपी चुनाव के बाद एक बार फिर वही कुप्रचार करना शुरू कर दिया है.
आपको बता दें कि मुसलमान मोदी और भाजपा की जीत से इतने भयभीत नहीं है जितने की मुसलमानों को मोदी का भय दिखाने वाले जेएनयू ब्रिगेड – वामपंथी खौफजदा है. मुसलमानों को नहीं अब उनको डर सता रहा है कि मोदी के नाम पर जो वों भयादोहन की राजनीति कर रहे हैं अब उस पर पानी फिर जाएगा.
गौरतलब है कि वामपंथियों की एक पूरी ब्रिगेड है जिनका कि पूरा एजेंडा ही यही है कि हिंदुओं के विरोध में दलितों और मुस्लिमों को खड़ा कर अपना राजनीतिक मकसद हासिल किया जाए.
लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी है तब से लगातार इनके राजनीति एजेंडे का पर्दाफाश किया जा रहा है. ये एनजीओं के माध्यम मुसलमानों के जख्मों को कुरेदकर उसके बदले में विदेशों खासकर अरब मुस्लिम देशों से पैसा वसूलते हैं.
साथ ही मानवता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के नाम पर तो कभी पर्यावरण के नाम पर अपने ही देश की सरकारों का तख्तापलट की अपरोक्ष साजिश करते हैं.
ये एनजीओ के नाम पर लोगों को मोबलाइज कर और उनको झूठा भय दिखाकर एक वोट बैंक तैयार करते हैं. जिसका उपयोग ये लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों के खिलाफ दुष्प्रचार करने और चुनावों में सरकार के खिलाफ मतदान करने में प्रयुक्त करते हैं.
यही कारण है कि ये लोग बार बार गुजरात दंगों की बात कर मुस्लिमों और हिंदुओं के बीच दूरी पैदा कर अपना एजेंडा चलाते हैं. इसके लिए इनकी कोशिश होती है कि मुसलमानों को किसी भी कीमत पर गुजरात दंगों और नरेद्र मोदी को भूलने नहीं दिया जाए.
इसके लिए ये लोग समय समय पर इस प्रकार की मुहिम चलाते रहते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक जीत ने मोदी विरोधी जेएनयू ब्रिगेड के पैर उखाड़ दिए हैं.