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चाणक्य से सीखीए मैनेजमेंट के गुर

चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है चाहे अर्थशास्त्र हो, राजनीति या फिर कूटनीति हर विषय में चाणक्य के नाम का बोलबाला रहा है.

अपने चातुर्य और बुद्धिमत्ता की वजह से वो चंद्रगुप्त मौर्य के अतिप्रिय सलाहकार रहे है.

चंद्रगुप्त मौर्य के सफल अभियानों के पीछे चाणक्य का हाथ माना जा सकता है.

चाणक्य की सलाहों को मानकर आप भी मैनेजमेंट सीख सकते है. चाणक्य की दी गई सीख आज भी प्रासंगिक है.

राजा-

राजा जिसे आज के समय में हम लीडर (कंपनी का डायरेक्टर,सीईओ) के तौर पर ले सकते है. लीडर के लिए चाणक्य ने कहा है कि ये वो व्यक्ति है जो पूरे संस्थान का मार्गदर्शन करता है इसकी सलाह के बिना कर्मचारी दिशा से भटक सकते है.

  • इनके लिए चाणक्य ने सलाह दी है कि उन्हें दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए और खुद नहीं दोहराना चाहिए.
  • ईमानदारी अच्छी बात है लेकिन जरुरत से ज्यादा ईमानदारी भी अच्छी नहीं होती है क्योंकि सीधे खड़े पेड़ पहले काटे जाते है. ईमानदार व्यक्तियों को पहले सताया जाता है.
  • सांप सांप ही होता है चाहे वो बिना जहर का ही हो.  भले ही  आपसे जलने वाले व्यक्ति आपका बुरा नहीं कर रहे हो पर इनसे ज्यादा दोस्ती अच्छी नहीं है.
  • जब भी आप काम शुरु करे तो खुद से ये सवाल करें कि मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसका परिणाम क्या होगा, क्या मैं सफल होउंगा. इन बातों को ध्यान से सोचिए, जब आप संतुष्ट हो जाए तब आगे बढ़िए.
  • दुनिया की सबसे बड़ी ताकत युवा शक्ति और और खूबसूरत औरते है.अब देख लिजिए कि मार्केटिंग की फील्ड में सुंदर चेहरे और मीठा बोलने वाली स्त्रीओं को तवज्जोह दी जाती है ताकि ग्राहक उनकी बात ध्यान से सुने. ऐसे में नियुक्ती भी लीडर को सोच समझकर करनी चाहिए.
  • जो लोग गंभीरता से अपना काम करते है वो हमेशा प्रसन्न रहते है.

मंत्री-

मंत्री चाणक्य ने राजा के साथ मंत्रीयों की महत्ता के बारे में भी बहुत सी बातें की जिसे आज के युग में हम मैनेजर के तौर पर ले सकते है.

  • ये एक ऐसा व्यक्ति होता जो कि लीडर की अनुपस्थिती में सब कुछ संभालता है. हमेशा सक्रीय रहता है.
  • बिना मैनेजर के सहयोग के लीडर के लिए कुछ भी कर पाना संभव नहीं है.

बाजार-

चाणक्य ने देश की महत्ता के बारें में बहुत कुछ कहा है जिसके आज के वक्त में जनता यानि बाजार के रुप में ले सकते है. बिना बाजार के किसी भी तरह के बिजनेस की कल्पना नहीं की जा सकती है. यहीं से आप रेवेन्यू जनरेट कर सकते है.

खजाना-

राजा के शासनकाल में खजाने का विशेष महत्व रहता था. चाणक्य की बात आज के जमाने में भी प्रासंगिक है जिसे हम व्यापार की रीढ़ कह सकते है. इसका प्रबंधन बहुत ज्यादा जरुरी है. बिना पैसे के हम व्यापार की कल्पना भी नहीं कर सकते है.

सेना-

सेना को आज के जमाने में टीम की तरह ले सकते है. चाणक्य ने इसका महत्व कुछ इस तरह बताया है कि बिना सेना के राजा युद्ध नहीं कर सकता है. इस बात को कंपनी पर भी लागू कर सकते है. बिना कुशल कर्मचारियों के कंपनी चलाना बेहद मुश्किल काम है.

सलाहकार-

सलाहकार होना बेहद जरुरी है ऐसा चाणक्य का मानना था क्योंकि अच्छी या बुरी सलाह पर ही संस्थान का भविष्य़ निर्भर करता है.

चाणक्य ने अर्थशास्त्र के जो गुर सीखाए वो आज भी प्रासंगिक है. उन्हें अगर दुनिया का पहला मैनेजमेंट गुरु भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. चाहे आपकी सफलता की राह कितनी भी कठिन हो चाणक्य के की कही बातें आपको सफलता की नई राह दिखाएंगी.

Shilpa Rounghe

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