स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की खूबसूरत आवाज के दीवाने न सिर्फ भारत देश में बल्कि विश्वभर में है.
उन्होंने अपनी आवाज की बदौलत लोगों को हर तरह की अनुभूति का एहसास करवाया. शुरुआत से हीं लता मंगेशकर की आवाज बेहद खूबसूरत और मन को मोह लेने वाली थी. लेकिन दोस्तों लता जी ने अपनी खूबसूरत आवाज को और खूबसूरत बनाने की खातिर ज्यादा मिर्च खानी शुरु कर दी थी.
वैसे तो पहले अपनी आवाज के प्रति वो बेफिक्र रहा करतीं थी. खाने-पीने की काफी शौकीन लताजी हर तरह के भोजन करना पसंद करतीं थीं. फिर चाहे खट्टी चीजें ही क्यों ना हो. दोस्तों कहते हैं खट्टी चीजें आवाज को खराब करने का काम करती है. बावजूद इसके लताजी जी भर कर खट्टी चीजें खाया करतीं थींं. उनके शुभचिंतकों ने उन्हें इस बात के लिए कई बार मना भी किया, लेकिन उन्होंने हर किसी की बातों को दरकिनार करते हुए अपने खाने के शौक को बरकरार रखा और हर चीज़ों को खूब चाव से खाती रहीं थीं. उन्होंने कभी भी किसी तरह का परहेज नहीं किया. इसके बावजूद उनकी आवाज में एक खराश तक नहीं आई.
दोस्तों शायद आप इस बात को जानते हों कि लताजी को मसालेदार भोजन करना खूब भाता है.
एक बार की बात है कि किसी ने लता जी से ये कह दिया कि मिर्च खाने से आवाज खुलती है. बस क्या था लताजी ने ढ़ेर सारी मिर्च खानी शुरु कर दी. अब तो एक हीं दिन में 12-12 मिर्च वो खा लेतीं थीं. सुबह के भोजन में 6-7 और शाम को भी उतनी हीं. लता जी ने मिर्च खाने को अपना शौक बना लिया.
इसे रोकने के लिए कई निर्देशकों ने उन्हें टोका भी. लेकिन लताजी थीं कि उन्होंने मिर्च खाना बंद नहीं किया.
उनका कहना था कि “जिस ईश्वर ने मुझे सुरीली आवाज दी है, वही मेरी देखरेख भी करेंगे. सब उन्हीं का है. इसलिए वो हीं जानें.”
इस तरह लताजी ने अपनी आवाज की खातिर 12-12 मिर्च खाने की शुरुआत कर दी और लंबे समय तक वो ऐसा करती रहीं.
फिलहाल वर्तमान में वो ऐसा करती हैं या नहीं. ये हम नहीं कह सकते. लेकिन स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने अपनी जिस आवाज की खातिर इतना कुछ किया. उस आवाज ने देशवासियों का हमेशा से हीं सर गर्व से ऊंचा किया है.