भारतीय परंपरा हमारे रग-रग में है, कण-कण में है और जन-जन में है. भारतीय शिक्षा पद्धति में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है परीक्षा. किसी को परीक्षा के नाम से ही पसीने छुट जाते हैं तो कुछ मस्त मौला ही रहते हैं. कुछ ऐसे तौर तरीके हैं जिसका पालन हम ज़मानों से करते आये हैं, बस इन्हीं में हमने कुछ नए तौर तरीकों का जोड़ दिया है जो आज की तारीख में उत्तम हैं:
फोटो कॉपी:
वैसे तो बहुत से विद्यार्थी हैं जो परीक्षा की तैयारी पहले ही कर लेते हैं पर कुछ ऐसे भी महारथी हैं जो परीक्षा के केवल कुछ दिन पहले या कुछ घंटों पहले ही नोट्स जमा करते हैं. ये लोग नोट्स खुद नहीं बनाते हैं और मार्केट से भी नहीं खरीदते हैं, बस केवल किसी और विद्यार्थी की बनाई हुई नोट्स की फ़ोटो-कोपी करते हैं.
Notes
कॉल करके पाठ्यक्रम की जानकारी प्राप्त करना: “भाई, portion क्या है?” अंतिम समय पर कॉल करके सारी जानकारी प्राप्त करते हैं. ये बीमारी तो जैसे बहुत ही आम हो गयी है. मोबाइल हाथ में जबसे आया है, तबसे ये परम्परा ज्यादा जल्दी फैली है.
Students on call
इन्टरनेट पैक शुरू करवाना: देर रात को जब यह एहसास हो कि हमारे पास जो नोट्स हैं उनमें से 2-4 पन्ने गायब हैं तो क्या करते हैं आप? बहुत आसान है, बस किसी मित्र को कहते हो कि उन पन्नों का फोटो खींच के व्ह्ट्सअप द्वारा भेजे.
Internet Pack
अलार्म लगाना नहीं भूलना और स्नूज़ नहीं करना : यूँ ना हो की आप सोते ही रह जाये और परीक्षा शुरू हो जाये या फिर परीक्षा के बस कुछ ही समय पहले आँख खुले और आलस में हम अलार्म स्नूज़ कर दें, जिससे और देरी हो जाये. इसलिए हम अलार्म को जरुर याद रखते हैं.
Wake Up
पहले नींद पूरी करना: कुछ भी हो जाये, नींद तो पूरी होनी ही चाहिए, पढ़ाई हुई हो या न हुई हो. वैसे भी परीक्षा में कुछ खास लिखने के लिए तो हमारे पास होता नहीं, इसीलिए नींद पूरी करनी चाहिए जिससे हम परीक्षा में ताज़ा रहें और जी भरके ख्याली पुलाव पका सकें.
Ample Sleep
हॉल-टिकट के लिए हाथ जोड़ना : क्लास में उपस्थिति से ज्यादा हमारी गैरहाजरी होती है इसीलिए कुछ कॉलेजों में विद्यार्थियों के हॉल-टिकट अटका देते है. फिर कई बार हाथ जोड़ने के बाद हमें हॉल-टिकट प्राप्त होता है और उसके बिना हमें एग्जाम हॉल में प्रवेश नहीं मिल पाता है. फिर यही हॉल-टिकट को हम सम्भाल कर लैमिनेट भी करा लेते हैं.
Hall Ticket
धार्मिक स्थलों के चक्कर लगाना: जैसे दुकानों के बाहर सेल के वक्त कतार लगती है बस उसी प्रकार धार्मिक स्थल जैसे की मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर आदि, के बाहर परीक्षा के वक़्त कतार लगती है. भगवान तब शायद अपनी कृपा थोड़ी ज्यादा बरसाते हैं.
Students at temple
दही और गुड़: दही और गुड़ के बिना तो परीक्षा देना पाप है. घर से निकलो तो माँ या बहन मीठा लेकर मिल जाती हैं.
Dahi Gud
पढाई : जी हाँ यह भी हमारी परंपरा है अगर समय मिले तो थोडा पढ़ भी लेना चाहिए, तकलीफ ज़रूर होगी पर फल भी ज़रूर मिलेगा.
Students study
माँ-बाप का आशीर्वाद: देर आये, दुरुस्त आये. सबसे आखिर में ही सही, पर सबसे महत्वपूर्ण है माता-पिता का आशीर्वाद. चाहे युद्ध हो या एक नए काम ही शुरुआत, इनका आशीर्वाद महत्वपूर्ण होता है और वैसे भी यह एक जंग ही तो है. कुछ तो महीनों तक तैयारी करते हैं और कुछ केवल माँ-बाप के आशीर्वाद के साथ आगे बढ़ते हैं.